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रतलाम : सैलाना में खतरनाक क्लोरीन गैस का रिसाव, बड़ी लापरवाही उजागर

पानी को फिल्टर करने में उपयोग में लायी जाती है क्लोरीन, शरीर के लिए जहरीली है यह गैस, दो दिन से हो रहा रिसाव, जिम्मदारो की नींद उड़ी तो मचा हड़कंप, अब तक आसपास के 35 लोगो को किया शिफ़्ट

रतलाम : सैलाना में खतरनाक क्लोरीन गैस का रिसाव, बड़ी लापरवाही उजागर

रतलाम/इंडियामिक्स : रतलाम जिले के सैलाना नगर में कालिका माता मार्ग स्थित जलप्रदाय विभाग में रखे क्लोरीन गैस सिलेंडर से लगातार दो दिन से हो रहे रिसाव से हड़कंप मच गया। इन सिलेंडरों से अधिक गैस रिसाव होने से करीब 300 मीटर का क्षेत्र प्रभावित हुआ व कुछ रहवासियों को गले मे खराश व आँखों मे जलन होने लगी। पेड़-पोधो व फसलो को भी भारी नुकसान हुआ है।
जलप्रदाय विभाग के आसपास स्कूल,धार्मिक स्थल कॉलोनी होने से लोगों का आवागमन बना रहता है व बड़ी घटना हो सकती थी।
यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने के बाद इप्का तथा ग्रेसिंग फैक्ट्री के तकनीकी जानकारों को बुलाकर रिसाव बंद करने का प्रयास किया गया किंतु सूत्रों की माने तो रिसाव पूर्णता बंद नहीं हुआ व रुक रुक कर गैस का रिसाव जारी है। अब देखना यह है की इस मामले में आगे जाँच हो कर जिम्मदारो के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई होती है या नहीं?

क्लोरीन गैस का उपयोग :-

जानकारों के अनुसार क्लोरीन गैस को फिल्टर प्लांट में पानी के अंदर कीटाणुओं को मारने के लिये उपयोग किया जाता है जिससे पानी शुद्ध हो सके। 1 लीटर पानी में .5 मिलीग्राम गैस मिलाई जाती है। इस समय सैलाना फिल्टर प्लांट पर 950-950 किलोग्राम की क्षमता वाले दो सिलेंडर रखे है इनमे से एक में रिसाव हो रहा है। हालांकि जानकारी में यह भी आया है कि बीते 2 वर्षों से क्लोरीन गैस सिलेंडर का उपयोग करना ही बंद कर दिया गया है। 2 वर्ष पूर्व फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों द्वारा इस क्लोरीन गैस का मिश्रण पूरी सावधानी के साथ फिल्टर प्लांट पानी में उपयोग कर पानी शुद्ध किया जाता था किंतु जब से प्लांट नगर परिषद के अधीन किया गया है तब से यहा टेक्नीशियन कर्मचारी की कमी हैं व गैस का उपयोग करना बंद कर दिया गया है माना जा रहा है कि सिलेंडर का उपयोग नहीं करने के कारण ही क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ। वर्तमान में नगर परिषद अधिकारियों द्वारा प्लांट पर बिना प्रशिक्षित कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रखी है जिससे उन्हें इसका उपयोग करने में कठिनाई आ रही है। अप्रशिक्षित कर्मचारी की ड्यूटी इस स्थान पर लगाकर अधिकारियों द्वारा क्षेत्र व शहर की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इस घटना से यदि सबक नही लिया गया तो भविष्य मे बड़ी घटना घटित हो सकती है। इस छोटे रिसाव के बाद प्रश्न होना लाज़मी है।

नगर परिषद सीएमओ जेपी गुहा द्वारा बताया की इप्का रतलाम व ग्रेसिम नागदा की टेक्नीशियन टीम को बुलाया गया इनके द्वारा रिसाव बंद किया गया है अब स्थिति नियंत्रण में है।
नगर परिषद इंजीनियर विनोद पाटीदार से चर्चा में उन्होंने बताया की वाल फेल होने से गैस का रिसाव हुआ व कर्मचारी के माध्यम से जानकारी मिली अब स्थिति नियंत्रण में है सिलेंडर से जितनी गैस निकलनी थी निकल चुकी है अब इसमें बहुत ही कम गैस बची है सिलेंडर को पानी के टैंक में रखा है व कॉस्टिक सोडा से न्यूट्रिलाइज किया जा रहा है।
और बताया कि क्लोरीन गैस सिलेंडरों का वर्तमान में उपयोग नहीं होता है इसके स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया रहा है। व अब इन सिलेंडर का उपयोग नही है इन्हें यहा से हटाने के लिये एसडीएम मेडम के माध्यम से ग्रेसिम नागदा को पत्र लिखा है। नगर में 2 दिन से जल प्रदाय बंद था जिसे अब सुचारू करने के लिए प्रयास किया जा रहा है पानी टँकी को साफ कर दिया है व शाम तक क्षेत्र में जल प्रदाय किया जायेगा।

क्लोरीन जहरीली गैस है :-

एक्सपर्ट के अनुसार क्लोरीन गैस पानी को साफ करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। सरकारी मापदंडों के मुताबिक .5 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में इसकी मात्रा मिलाई जा सकती है। यदि इससे अधिक मात्रा में यह पानी में मिलाई जाती है तो शरीर के लिए नुकसानदायक होती है। सीधे तौर पर संपर्क में आने से इससे उल्टियां, सिर चकराना, आंखों मे जलन, नाक से खून निकलना, सांस लेने में परेशानी जैसे प्रभाव शरीर पर दिखाई देते हैं। इसका समय पर उपचार जरूरी हो जाता है।

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