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रतलाम : सम्मेदशिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के खिलाफ लामबंद हुआ जैन समाज

सम्मेदशिखरजी तीर्थ: जैन समाज की महारैली । पावन तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने के विरोध में जैन समाज नाराज: दुकाने बंद- ज्ञापन दिया

रतलाम : सम्मेदशिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के खिलाफ लामबंद हुआ जैन समाज

रतलाम, नप्र। सम्मेदशिखरजी जैन तीर्थ 20 तीर्थंकरों की पावन निर्माण भूमि है। ऐसे पवित्र एवं पावन तीर्थ को पर्यटन स्थल रूप बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किए जाने से देशभर के जैन समाज की भावनाओं को भारी ठेस पहुंची है। संभवतया यह पहला ऐसा मौका आया है तीर्थ स्थल को बचाने के लिए पूरा समाज एक स्वर में विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में रतलाम के समग्र जैन समाज ने आज सडक़ों पर उतरकर रैली निकाली। जैन समाज ने विरोध स्वरूप दोपहर तक अपनी दुकानें भी बंद रखी।

रतलाम : सम्मेदशिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के खिलाफ लामबंद हुआ जैन समाज


सम्मेदशिखरजी तीर्थ को सरकार तीर्थ पर्यटन क्षेत्र घोषित करने जा रही है। सरकार के इस फैसले को लेकर समग्र जैन समाज में असंतोष और नाराजगी है। जैन समाज ही नहीं जैन साधु-संतों ने भी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाए जाने का प्रस्ताव वापस लेने की मांग सरकार से की है। तीर्थस्थल बनाए रखने की मांग के समर्थन में आज यहां पुरुषों और युवाओं के अलावा समाज की बुजुर्ग महिलाओं-बहूओं और युवा तरूणाईयों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। समग्र जैन समाज ने एकजुट होकर फैसले के विरोध में रैली निकालकर केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस प्रस्ताव को अविलंब कराने की मांग की। समग्र जैन समाज की ओर से महेन्द्र गादिया ने बताया कि पैदल रैली के लिए समाजजन सुबह चौमुखीपुल चौराहे पर जमा हुए।
यहां से निकली रैली ने समाजजों की मौजूदगी से शुरुआत में ही विशाल रूप ले लिया। चांदनीचौक, तोपखाना चौराहा, बजाजखाना, गणेशदेवरी, न्यू क्लॉथ मार्केट, डालुमोदी बाजार, नाहरपुरा, कॉलेज रोड, छत्रीपुल होते हुए दोबत्ती चौराहे पर पहुंची, जहां समाजजनों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए झारखंड सरकार के प्रस्ताव के विरोध में प्रशासन को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर तीर्थस्थल को तीर्थस्थल बनाए रखने की पूरजोर मांग की। देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, आराधना भवन जैन श्री संघ, साधुमार्गी जैन श्रीसंघ, धर्मदास जैन श्रीसंघ, वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रीसंघ, त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ, खरतरगच्छ जैन श्रीसंघ, ज्ञानगच्छ जैन श्रीसंघ, हुक्मगच्छीय षांत क्रांत जैन श्रीसंघ, समरथ सेवा श्रीसंघ, दिगम्बर बीस पंथी गोठ, दिगम्बर साठ घर गोठ, दिगम्बर जैन श्रीसंघ नरसिंहपुरा, दिगम्बर जैन श्रीसंघ स्टेशनरोड, दिगम्बर जैन श्रीसंघ कस्तुबानगर, कस्तुबानगर जैन श्रीसंघ, अलकापुरी जैन श्रीसंघ, सज्जनमिल जैन श्रीसंघ, ऋषाभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी, रुचि प्रमोद पाश्र्वनाथ मंदिर टाटा नगर श्रीसंघ, सौभाग्य जैन नवयुवक मंडल, महावीर जैन युवा संघ, अरिहंत नवयुवक मंडल, बिबडौद नवयुवक मंडल, जैन सोश्यल ग्रुप मेन, जैन सोश्यल ग्रुप ग्रेटर, जैन सोश्यल ग्रुप सेंट्रल, जैन सोश्यल ग्रुप यूथ, जैन सोश्यल ग्रुप क्लासिक, जैन सोश्यल ग्रुप शाईन, जैन सोश्यल ग्रुप रत्नपुरी, जैन सोश्यल ग्रुप मैत्री, जैन सोश्यल ग्रुप मेन संस्कार, अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप, जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप रॉयल, दिगम्बर जैन सोश्यल ग्रुप गोल्ड के अलावा श्वेताम्बर जैन सोश्यल ग्रुप के अलावा अन्य ग्रुप, संस्थाओं ने हिस्सा लेकर विरोध जताते हुए प्रशासन के जरिये अपने विरोध की आवाज केन्द्र सरकार तक पहुंचाई। रैली में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी, महापौर प्रहलाद पटेल,झमक भरगट, महेन्द्र गादिया, फतेहलाल कोठारी, मांगीलाल जैन, अनिता कटारिया सहित महिलाएं युवतियां शामिल रही।

जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थस्थल सम्मेदशिखरजी

रतलाम, नप्र। झारखंड में सम्मेदशिखरजी जैन समाज का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थस्थल है। जैन समाज के लोगों का यह आस्था और श्रद्धा का केन्द्र होकर सबसे बड़ा पावन तीर्थस्थल है। जैन धर्म के चौबीस तीर्थकरों में से बीस तीर्थंकर की यह निर्वाण अर्थात मोक्ष भूमि होकर जैन समाज के लोगों के लिए यह सबसे पूज्यनीय स्थल है।

रतलाम : सम्मेदशिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के खिलाफ लामबंद हुआ जैन समाज

ऐसे पावन स्थल को पर्यटन स्थल बनाकर सरकार तीर्थस्थल की पवित्रता को भंग करने की कोशिश कर रही है जिससे समाजजनों मे घोर निराशा है। तीर्थस्थल को यदि पर्यटनस्थल बनाया तो फिर लोग यहां धार्मिक भावना के बजाय घूमने-फिरने ौर मौज मस्ती के लिए आएंगे और कई तरह की अनैतिक गतिविधियां बढ़ेगी जो जैन समाज को मंजूर नहीं है इसलिए दुनिया का समग्र जैन समाज की पूरजोर मांग की है कि सम्मेदशिखरजी तीर्थस्थल को तीर्थस्थल ही रहने दिया जाए तो काफी बेहत्तर होगा।

पर्यटन स्थल नहीं पवित्र तीर्थ घोषित करें-काश्यप

रतलाम, नप्र। सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करना सर्वथा अनुचित है। इससे समग्र जैन समाज व सर्व समाज में रोष है। विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि भारत में तीर्थ स्थलों को पावन भूमि के रूप में पूजा जाता है। काश्यप ने झारखंड सरकार को आगाह किया कि इसे पर्यटन स्थल नहीं बल्कि संपूर्ण तीर्थ क्षेत्र को पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाए। लखनऊ प्रवास पर होने से मैं आज यहां जैन समाज के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पा रहा हूं। ज्ञात रहे सालों पहले बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने तीर्थ का अधिग्रहण कर एक शासकीय बोर्ड बनाने की कुचेष्ठा की थी तब उस प्रस्तावित अध्यादेश को तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति शंकरदयालजी शर्मा के माध्यम से रद्द करवाने में विधायक चेतन्य काश्यप की महती भूमिका रही थी।

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