INDIAMIX
Voice of Democracy

रतलाम : तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा, श्री राम को कुष्ठ रोगी का समर्पण

कुष्ठ रोगी का समाज से तिरस्कार झेलकर अपने बच्चों का पालन पोषण कर उन्हें शिक्षित बनाना, उनका विवाह करना बड़ा कठिन और संघर्ष पूर्ण है ऐसे में भगवान श्री राम हेतु समर्पण में आनंद व उत्साह,

रतलाम : तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा, श्री राम को कुष्ठ रोगी का समर्पण

रतलाम / IMMN : जी हां…, राम के नाम पर ही लिया और राम के नाम पर दे दिया। यह किवंदती आज सिद्ध हुई है, रतलाम के भगत पूरी बस्ती के मोती नगर स्थित कुष्ठ रोगी बस्ती में,

नगर प्रचार प्रमुख पंकज भाटी ने जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को हमारा समाज स्वीकार करने से कतराता है। इनके स्वस्थ और शिक्षित बच्चों को भी सामान्य समाज नोकरी पर नही रखता। इस रोग के कारण ही उनके बच्चों के विवाह आदि संस्कार के लिए उन्हें धर्मशालाएं नहीं मिलती। समाज से तिरस्कार झेलकर अपने बच्चों का पालन पोषण कर उन्हें शिक्षित बनाना, उनका विवाह करना बड़ा कठिन और संघर्ष पूर्ण है। लेकिन फिर भी ये चालीस परिवार ईश्वर पर श्रद्धा रख अपनी बस्ती में आनंद और उल्लास से रहते है। यह सब कुछ सार्थक होता है प्रभु श्री राम के नाम से…

प्रतिदिन ‘ राम के नाम पर ‘ मिलने वाली भिक्षा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते है। ईश्वर के द्वारा अपने साथ किए गए न्याय को स्वीकारते हुए दूसरों को सुख समृद्धि की दुआएं भी देते है

इनकी बहुत बड़ी पीड़ा यह भी है कि सामान्यतः नगर के कई समाजसेवी संस्थाओं एवं दान दाताओं की दृष्टि इस बस्ती पर नहीं पड़ती, जबकि पास ही में ईसाइयों के एनजीओ द्वारा बसाई गई ईश-प्रेम बस्ती भी है जिसमें रहने के लिए इन कुष्ठ रोगी परिवारों को कई बार लालच दिया गया। लेकिन इन्होंने अपना हिन्दू धर्म नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हुए मोती नगर की श्री राम सेवा बस्ती में ही रहने का संकल्प लिया। एक और जहां ईश-प्रेम बस्ती के एनजीओ को पर्याप्त धन आता है लेकिन सामान्यतः समाज उसी बस्ती में सेवा करने के लिए जाता है।


प्रभु श्रीराम के प्रति इस बस्ती के लोगों की भावनाएं तब देखने को मिली जब श्री राम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान की टोली इस बस्ती में भी निधि संग्रह करने पहुंची। क्योंकि अभियान का लक्ष्य है कि एक भी हिंदू घर नहीं छूटे, इसलिए चाहे वह घर भिक्षावृत्ति करने वालों का हो या किसी भामाशाह का।


टोली के पहुंचने पर सारे कुष्ठ रोगी परिवार के सदस्य आनंदित और उत्साहित हो गए। सभी ने एक स्थान पर एकत्रित होकर अपनी अपनी 1 दिन की जमा राशि को एकत्रित किया। श्री राम जी के प्रति अपने भावों को व्यक्त करते हुए उन्होंने समिति को समर्पण राशि प्रदान करते हुए प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बने ऐसी कामना की। बच्चों का भी उत्साह देखते ही बनता था। ऐसा लग रहा था, मानो बड़े दिनों में उन्होंने कोई उत्सव मनाया हो। मनमोहक खुशी बच्चे और बूढ़े सभी के चेहरे पर झलक रही थी। इस प्रकार समिति ने सभी दानदाताओं का अभिनंदन किया। समिति के सदस्यों ने आज इस बस्ती में आकर स्वयं को धन्य अनुभव किया और इस बस्ती से निधि का संग्रहण कर अपनी बस्ती के संग्रहण अभियान की पूर्णाहुति भी की।

Leave A Reply

Your email address will not be published.