खाद के लिए किसान रात में मोबाइल टार्च जलाकर अपने नम्बर आने का इंतेज़ार कर रहे है ।
इछावर /इंडियामिक्स किसानों को अन्नदाता कहा जाता है और दावे किए जाते हैं कि किसानों के हित के लिए कार्य हो रहे हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है जहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र ग्राम बोरदी कला और आस पास के किसान खाद समय पर नहीं मिलने से काफी परेशान है
जानकारी के अनुसार सोयाबीन की फसल काटने के बाद अब गेहूं की बोवाई शुरू हो चूकी है लेकिन किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हैं एक और प्रशासन के दावे यहां फेल होते दिखाई दे रहे किसान को खाद नहीं मिल रहा है ।
बताया जा रहा हे की बहुत कम मात्रा में खाद आ रहा है वो किसानों की मांग को देखते हुए नाकाफी है और किसान एक और जहां जैसे ही खाद का ट्रक गोदाम में खाली होता देखा वैसे ही किसानो की भीड़ खाद केन्द्रो पर दिखाई देने लगती और किसान खाद के अपने आधार कार्ड की फ़ोटो कापी और अन्य दस्तावेजों को गेट के सामने लाईन मे रखकर खाद के लिए अपने नम्बर का इंतेज़ार करते दिखाई दिये ।
जहां किसानों में डीएपी खाद के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है।
किसान खाद के लिए मारे मारे फिर रहे हैं इस संबंध में किसानो का कहना है की पुरे क्षेत्रों में किसानो का शोषण हो रहा है सैकड़ों की संख्या में किसान सोसायटियों में भीड़ के रूप में दिखाई देते हैं और जहां किसानो को दो दो बोरी खाद देकर वितरण किया जा रहा है मंचों से किसानो के जनहितैषी कहे जाने वाले केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का लोकसभा क्षेत्र एवं राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा का विधानसभा क्षेत्र इच्छावर के ग्राम बोरदी कला लेकिन उनके ही क्षेत्र में ही डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता नहीं कर पा रहे है
एक और किसानों का कहना है की किसानों के हितेषी बताने वाले भाजपा कांग्रेस के नेता कहां गायब हो गए।
भाजपा और कांग्रेस के नेता हमेशा किसानो के साथ रहने का दावा करते चुनावी मंच सभाओं से लेकर अन्य कार्यक्रम में मंचों से किसानों के हितैषी दिखाई देते हैं। और किसानों के लिए बड़े बड़े दावे करते थकते नहीं हे लेकिन जब किसान को एक एक बोरी खाद के लिये सोसायटियों के सामने भूखा-प्यासा मे खाद के लिये इंतेज़ार करना पड़ता है।
तब दोनों ही पार्टियों के नेता विधायक एवं पूर्व विधायक जो किसानों के साथ खड़े होने का दावा किया करते हैं लेकिन जब किसान को खाद के लिए एक एक बोरी खाद खरीद ने के लिये जरुरत पडती है जब भाजपा कांग्रेस के नेता गायब हो जाते और किसानो को मजबूर में निजी खाद विक्रेताओं से महंगे दामों में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ता है ।
किसानों का आरोप है की खाद की जमकर कालाबजारी भी की जाती खाद आने के बाद ही गायब हो जाता है
देखा जा रहा है की इन दिनों किसानों को खाद की बहुत आवश्यकता है और किसान को खाद नहीं मिल रहा है ।
खाद विक्रय केन्द्रो पर सुबह दोपहर शाम को ही लम्बी कतारें लग जाती है ।
लेकिन इसके बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पाती है जिसका फायदा उठाकर अनेक दुकानदार खाद की बोरी ऊंचे दामों बेच देते है
लेकिन सबसे बड़ी बात यहां है की कृषि विभाग किसानों के हित में सक्रिय दिखाई नहीं देता है अनेक दुकानदारों को किसानों को लुटने की छुट दे रखी है । बताया जाता है की खाद की मांग ज्यादा है और रैंक के माध्यम से आपूर्ति काफी कम है जिसके कारण दिन रात खाद का संकट लगातार गहराता दिखाई दे रहा है ।
ग्रामीणों का आरोप है जमकर कालाबजारी जारी है
देखा जा रहा है इन दिनों किसानों को खाद की काफी आवश्यकता है और किसानो को खाद नहीं मिल पा रही है खाद विक्रय केन्द्रो पर सुबह 5बजे से किसान कतार में खड़े हो जाते हैं । और सभी को खाद नहीं मिल पाती है इसी का प्याला उठाकर अनेक दुकानदार महंगे दामों में बेचते हैं । किसानों को महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है प्रशासन के साथ साथ कृषि विभाग भी खाद के मामले में मूकदर्शक बना हुआ है ।
और किसान खाद के लिए परेशान हैं ।