INDIAMIXINDIAMIXINDIAMIX
  • देश
  • मध्यप्रदेश
    • रतलाम
    • देवास
    • उज्जैन
    • सीहोर
    • इंदौर
    • भोपाल
    • झाबुआ
    • धार
    • सतना
    • रीवा
  • राज्य
    • गुजरात
      • दाहोद
    • उत्तरप्रदेश
      • लखनऊ
    • राजस्थान
      • जयपुर
      • उदयपुर
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • दुनिया
  • अन्य
    • YouTube
    • Story Archives
    • टेक्नोलॉजी
    • विडियो
    • सेहत/घरेलु नुस्खे
    • धर्म/ज्योतिष
    • कला/साहित्य
    • खेल
Search
  • About Us
  • Cookie Policy
  • Support Us
  • Fact Checking Policy
  • Ethics Policy
  • Term of Use
  • Corrections Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
© 2018-2025 IndiaMIX Media Network., All Rights Reserved. Designed by Kamakshi Web +91-8959521010
Reading: दिल्ली से लखनऊ लोकसभा हंगामे और विधानसभा शांति का रहस्य
Share
Notification
Font ResizerAa
INDIAMIXINDIAMIX
Font ResizerAa
  • देश
  • मध्यप्रदेश
  • राज्य
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • दुनिया
  • अन्य
Search
  • देश
  • मध्यप्रदेश
    • रतलाम
    • देवास
    • उज्जैन
    • सीहोर
    • इंदौर
    • भोपाल
    • झाबुआ
    • धार
    • सतना
    • रीवा
  • राज्य
    • गुजरात
    • उत्तरप्रदेश
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • दुनिया
  • अन्य
    • YouTube
    • Story Archives
    • टेक्नोलॉजी
    • विडियो
    • सेहत/घरेलु नुस्खे
    • धर्म/ज्योतिष
    • कला/साहित्य
    • खेल
Follow US
  • About Us
  • Cookie Policy
  • Support Us
  • Fact Checking Policy
  • Ethics Policy
  • Term of Use
  • Corrections Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
© 2018-2025 IndiaMIX Media Network., All Rights Reserved. Designed by Kamakshi Web +91-8959521010
INDIAMIX > राजनीति > दिल्ली से लखनऊ लोकसभा हंगामे और विधानसभा शांति का रहस्य
राजनीति

दिल्ली से लखनऊ लोकसभा हंगामे और विधानसभा शांति का रहस्य

अजय कुमार
Last updated: 25/12/2025 12:06 AM
By
अजय कुमार
Share
7 Min Read
SHARE
The mystery behind the uproar in the Lok Sabha in Delhi and the peace in the Assembly in Lucknow.

राजनीति/इंडियामिक्स उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया। पूरे सत्र में शांति और संयम का परिचय देखने को मिला। हल्की-फुल्की नोकझोंक जरूर हुई, लेकिन ऐसा कोई हंगामा नहीं हुआ कि सदन की कार्यवाही ठप हो जाए। इसके विपरीत, लोकसभा का शीतकालीन सत्र हंगामों की भेंट चढ़ गया था। विपक्ष के शोरगुल के कारण अधिकांश दिन सदन की कार्यवाही धाराशायी रही। सवाल उठता है कि दिल्ली से लखनऊ तक यह इतना बड़ा अंतर क्यों? क्या उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी विपक्षी पार्टियां कमजोर होने से शांति बनी रही? उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 19 नवंबर 2025 को हुई थी और यह 24 दिसंबर तक चला। स्पीकर सतीश महाना के नेतृत्व में सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सत्र में 98 फीसदी कार्यवाही सुचारू रूप से चली। केवल दो-तीन अवसरों पर विपक्ष ने वॉकआउट किया, लेकिन कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा), जो मुख्य विपक्षी दल है, ने विधानसभा बजट, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बहस की मांग की, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से हिस्सेदारी निभाई। कांग्रेस, बसपा और अन्य छोटे दल भी संयम बरते। सत्र में 12 विधेयक पारित हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश लोक सेवा (संशोधन) विधेयक और बजट संबंधी प्रस्ताव शामिल थे। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, सत्र की उत्पादकता 85 फीसदी से अधिक रही, जो पिछले पांच वर्षों के औसत से बेहतर है।

इसकी तुलना लोकसभा के शीतकालीन सत्र से करें तो चित्र बिल्कुल उलट है। लोकसभा का सत्र 21 नवंबर से 24 दिसंबर तक निर्धारित था, लेकिन हंगामों ने इसे बर्बाद कर दिया। लोकसभा सचिवालय के आंकड़ों के मुताबिक, 22 बैठकों में से 18 दिन कार्यवाही 5 बजे से पहले स्थगित हो गई। औसत उत्पादकता मात्र 12 फीसदी रही। विपक्ष ने अडानी विवाद, मणिपुर हिंसा और संसदीय समिति रिपोर्टों पर लगातार हंगामा किया। कांग्रेस और सपा ने संयुक्त रूप से स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक की धमकी दी। 10 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित रही, जब विपक्ष सभापति की कुर्सी के पास धरना दे रहा था। राज्यसभा में भी स्थिति ऐसी ही रही, जहां 15 फीसदी से कम कार्यवाही हो सकी। इस अंतर का प्रमुख कारण राजनीतिक शक्ति संतुलन है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के पास 273 सीटें हैं, सहयोगी दलों समेत बहुमत 300 से अधिक का। सपा के पास 111, बसपा के 17 और कांग्रेस के मात्र 2 विधायक हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 41 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया, जबकि सपा का 32 फीसदी। यह कमजोरी विपक्ष को आक्रामक हंगामा करने से रोकती है। सपा नेता अखिलेश यादव ने सत्र के दौरान कहा, हम मुद्दों पर बहस चाहते हैं, न कि हंगामा। इसके विपरीत, लोकसभा में स्थिति अलग है। यहां भाजपा के 240 सदस्य हैं, एनडीए समेत 293। लेकिन विपक्ष का इंडिया गठबंधन मजबूत है। कांग्रेस 99, सपा 37, तृणमूल 22 और अन्य के साथ कुल 234 सांसद हैं। 2024 लोकसभा चुनावों में एनडीए को 43 फीसदी वोट मिले, लेकिन विपक्ष ने 41 प्रतिशत हासिल कर सरकार को अल्पमत साबित किया। यह संख्या बल विपक्ष को हंगामा करने का हौसला देता है।

दूसरा कारण क्षेत्रीय राजनीति का प्रभाव है। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा जातिगत समीकरणों पर निर्भर हैं। यादव-मुस्लिम गठजोड़ सपा का आधार है, लेकिन 2024 लोकसभा चुनावों में सपा ने 37 सीटें जीतीं, फिर भी विधानसभा में कमजोर बनी। सपा विधायक आनंद भदौरिया ने कहा कि विधानसभा चुनावी माहौल था, विधानसभा में विकास के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली में सपा के राम गोपाल यादव जैसे नेता राष्ट्रीय मुद्दों पर आक्रामक रहते हैं, लेकिन लखनऊ में स्थानीय दबाव उन्हें संयमित रखता है। कांग्रेस की स्थिति और स्पष्ट है। उत्तर प्रदेश में उसके 2 विधायक हैं, जबकि लोकसभा में 99 सांसद। प्रियंका गांधी की सक्रियता राष्ट्रीय स्तर पर है, लेकिन राज्य स्तर पर कांग्रेस का कोई वजूद नहीं। लोकसभा में राहुल गांधी की “संविधान बचाओ” रणनीति ने विपक्ष को एकजुट किया, जो विधानसभा में संभव नहीं।

तीसरा पहलू स्पीकर की भूमिका और सदन संस्कृति का है। उत्तर प्रदेश में स्पीकर सतीश महाना ने विपक्ष को पर्याप्त समय दिया। सत्र में विपक्ष को 25 प्रतिशत प्रश्नकाल मिला। इसके उलट, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर विपक्ष ने पक्षपात का आरोप लगाया। नियम 184 के तहत बहस रोकने के फैसले विवादास्पद रहे। राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव कहते हैं, लोकसभा में अल्पमत सरकार होने से विपक्ष आक्रामक है, जबकि यूपी में भाजपा का पूर्ण बहुमत शांति सुनिश्चित करता है। ऐतिहासिक आंकड़े भी यही बताते हैं। 2017-2022 में यूपी विधानसभा की औसत उत्पादकता 70 फीसदी रही, जबकि लोकसभा 2024 में 45 फीसदी से नीचे।

चौथा कारण मीडिया और जनता का दबाव है। लखनऊ में स्थानीय मीडिया सदन की कार्यवाही पर फोकस करता है, हंगामा राष्ट्रीय सुर्खियां नहीं बनाता। दिल्ली में टीवी चैनल हंगामे को लाइव दिखाते हैं, जो विपक्ष को प्रोत्साहित करता है। सोशल मीडिया पर ट्रेंड ने लोकसभा हंगामे को ईंधन दिया। यूपी में ऐसा नहीं। इसके अलावा, आगामी 2027 यूपी विधानसभा चुनाव विपक्ष को संयम बरतने को मजबूर करते हैं, ताकि विकास विरोधी टैग न लगे।

बहरहाल, यह विरोधाभास भारतीय लोकतंत्र की विविधता दर्शाता है। जहां संख्या बल मजबूत हो, शांति बनी रहती है, जहां संतुलन नाजुक, हंगामा अपरिहार्य। यदि लोकसभा में विपक्ष यूपी जितना कमजोर होता, शायद सत्र सुचारू चलता। लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में यह संतुलन सरकार को सतर्क रखता है। भविष्य में राज्यसभा चुनाव और 2027 यूपी चुनाव इस गतिशीलता को बदल सकते हैं। फिलहाल, लखनऊ की शांति दिल्ली के लिए सबक है। संख्या के साथ संयम ही लोकतंत्र की जीत है।

डिस्क्लेमर

 खबर से सम्बंधित समस्त जानकारी और साक्ष्य ऑथर/पत्रकार/संवाददाता की जिम्मेदारी हैं. खबर से इंडियामिक्स मीडिया नेटवर्क सहमत हो ये जरुरी नही है. आपत्ति या सुझाव के लिए ईमेल करे : editor@indiamix.in

Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Threads
Share
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Cry0
Surprise0
Angry0
Embarrass0
Byअजय कुमार
Follow:
वरिष्ठ पत्रकार , इंडियामिक्स, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
Previous Article योगी  के ब्राह्मण और ठाकुर विधायक अलग-अलग लामबंद योगी  के ब्राह्मण और ठाकुर विधायक अलग-अलग लामबंद
Leave a review Leave a review

Leave a Review Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Please select a rating!

प्रशासनिक अधिकारियो से, नेताओ से और पुलिस से आपका निजी लगाव आपकी पत्रकारिता को निष्पक्ष नहीं रहने देता

मुकेश धभाई, संपादक, इंडियामिक्स

Stay Connected

FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
WhatsAppFollow
Google NewsFollow
ThreadsFollow
RSS FeedFollow

Latest News

योगी  के ब्राह्मण और ठाकुर विधायक अलग-अलग लामबंद
योगी  के ब्राह्मण और ठाकुर विधायक अलग-अलग लामबंद
राजनीति
24/12/2025
राजनीति: इमरान मसूद के सुर बदले, प्रियंका को पीएम बनाने की मांग
राजनीति: इमरान मसूद के सुर बदले, प्रियंका को पीएम बनाने की मांग
राजनीति
24/12/2025
बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम पर विश्व की बेशर्म खामोशी
बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम पर विश्व की बेशर्म खामोशी
दुनिया
24/12/2025
दुनिया : फिलिस्तीन के हमदर्द बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के समय कहां गायब
दुनिया : फिलिस्तीन के हमदर्द बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के समय कहां गायब
दुनिया
23/12/2025
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नई सियासी दस्तक, धन्यवाद रैलियों से 2027 की चुनावी बिसात बिछाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नई सियासी दस्तक, धन्यवाद रैलियों से 2027 की चुनावी बिसात बिछाने की तैयारी
उत्तरप्रदेश
21/12/2025

पत्रकारिता आपकी जान ले सकती हैं, लेकिन जब तक आप इसमें हैं, तब तक ये आपको जीवित रखेगी.

होरेस ग्रीले
  • About Us
  • Cookie Policy
  • Support Us
  • Fact Checking Policy
  • Ethics Policy
  • Term of Use
  • Corrections Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
INDIAMIXINDIAMIX
Follow US
© 2018-2025 IndiaMIX Media Network., All Rights Reserved. Designed by Kamakshi Web +91-8959521010
adbanner