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भोपाल : गोडसे भक्त “कांग्रेस में शामिल”, अरुण यादव ने काँग्रेस के साथ RSS को भी लिया आड़े हाथों

 

कांग्रेस में घमासान, पत्र में मिले बगावती सूर, महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के ख़िलाफ़ में खामोश नही बेठ सकता – अरुण यादव, RSS विचारधारा पर लगाये प्रश्न चिन्ह

भोपाल : गोडसे भक्त &Quot;कांग्रेस में शामिल&Quot;, अरुण यादव ने काँग्रेस के साथ Rss को भी लिया आड़े हाथों

भोपाल IMN, मध्यप्रदेश काँग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने पत्र जारी कर राजनीति गलियारों व काँग्रेस में खलबली मचा दी। दरसल ग्वालियर नगर निगम में वार्ड नंबर 44 के पार्षद एवं हिन्दू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया ने बुधवार, 25 फरवरी को कांग्रेस में एंट्री कर ली। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में चौरसिया कांग्रेस में शामिल हुए। आपको बता दे की चौरसिया जिस वार्ड से पार्षद हैं, वहां देश का इकलौता नाथूराम गोडसे का मंदिर है। यह बात काँग्रेस में अंतर कलह का कारण बनती जा रही है।

इसी बात को ले कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने नाराजगी जारी करते हुए पत्र मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किया।

क्या लिखा यादव ने पत्र में :-

आरएसएस की विचारधारा को लेकर लाभ-हानि की चिंता किये बिना ज़ुबानी जंग नहीं, बल्कि सड़क पर लड़ाई लड़ता हूं. मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है. जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता है, वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैंने तिरंगा फहराया. देश के सारे बड़े नेता कहते हैं कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था. आज गोडसे की पूजा करने वाले के कांग्रेस में प्रवेश पर वो सब नेता खामोश क्यों हैं.?

अरुण यादव ने आगे कहा- यदि यही स्थिति रही तो गोडसे को देशभक्त बताने वाली भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भविष्य में कांग्रेस में प्रवेश करेंगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी? प्रज्ञा ठाकुर के उस बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगी भर माफ नहीं कर सकता हूं.

पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में प्रवेश पर सीधे-सीधे पीसीसी चीफ कमलनाथ पर उंगली उठायी है. उन्होंने लिखा’ अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गांधीजी, नेहरू जी और सरदार वल्लभ भाई पटेलजी के चेहरे को षडयंत्रपूर्वक नई पीढ़ी के सामने भद्दा करने की कोशिश कर रही है, तब काग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते में चुप नहीं बैठ सकता हूं. यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर कांग्रेस पाटी की विचारधारा को समर्पित है. इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूं.

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