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रतलाम : ऊँकाला रोड़ 3 साल से अटका अधर में, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के आश्वासन भी नाकाम

जवाबदार अधिकारी व्यस्त, मीनी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत होना था रोड़ का निर्माण कार्य, 3 साल से मुख्य मार्ग खोद कर छोड़ा, सिस्टम की लचर व्यवस्था सामने, अब फिर से बारिश शुरू और रहवासी गुहार लगा-लगा कर थके

रतलाम : ऊँकाला रोड़ 3 साल से अटका अधर में, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के आश्वासन भी नाकाम
यह स्थिति है अब भी रोड़ की

रतलाम/इंडियामिक्स : शहर में सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 2018 में अनुमानित लगभग 8 करोड़ की लागत में मिनी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कई क्षेत्रो की सड़कों का चौड़ीकरण व सीमेंटीकरण किया जा रहा है। हमने व आपने देखा होगा की किस तरह शहर के मुख्य बाज़ारो में अधिकारी सुबह शाम निरीक्षण कर कार्य को तेजी से करवा रहे है व कार्य तेजी से हो भी रहा है। मग़र शहर का एक हिस्सा अपनी पीड़ा 2 साल से अधिक समय से झेल रहा हैं।

शहर का ऊँकाला रोड़ शहर के प्राचीन श्री खड़े गणपति जी व महिषासुर मर्दिनी माता आदि सिद्ध स्थल होने के साथ नवरात्रि व गणेश चतुर्थी पर्व पर प्रमुख आस्था का केंद्र बना रहता है। इस सड़क की मुख्य बात यह भी है की यह शहर को महू-नीमच हाइवे से सीधा जोड़ता है जिससे कई लोग व यातायात के साधन यहाँ से गुजरते है।

मजे की बात तो यह है की इस रोड़ का कार्य पूरा होने को ले कर क्षेत्र की जनता के साथ ही सत्तापक्ष के भाजपा नेताओ को भी आंदोलन करना पड़ गया था। मग़र फिर भी यहाँ कार्य कछुए से भी धीमा है। एक बार हुई शहर विधायक द्वारा समीक्षा बैठक में भी विधायक चैतन्य कश्यप ने सख्त हिदायत देते हुए मार्च 2021 तक कार्य पूरा करने की चेतावनी दी थी मगर अब जून चल रहा है। दरअसल जिस काम को 6 महीने तक मे पूरा हो जाना चाहिए उसे आज लगभग 3 साल हो चुके हैं। कहीं ना कहीं यह हमारे सिस्टम की लचर व्यवस्था को भी दर्शाता है।

क्षेत्रवासियों ने भी कई बार गुहार लगा ली मगर बनने के नाम पर खुदा यह रोड़ अब तक धूल व गिट्टी से भरा पड़ा है। यहॉं बड़े बड़े गढ्ढे कई हादसों को अंजाम दे चुके है। 2 साल में काम हुआ मगर दिखावटी और वह भी कुछ दूरी के एक हिस्से का। ऐसे में क्षेत्रवासी काफी परेशान है और अब इन्होंने गुहार लगाना भी बन्द कर दिया है क्योंकि उनके कहे अनुसार कोई सुनवाई नहीं होती। अब फिर मौसम बारिश का शुरू हो गया है हम व आप किसी कच्चे रास्ते से बारिश में गुजरे ही होंगे ऐसे में स्थिति समझ लीजिए। अधिकारियों ने कई बार सम्बन्धित निर्माण कम्पनि को कहा भी है मगर उनमे किसी प्रकार का कोई सुधार देखने को नहीं मिला। तय समय सीमा में कार्य ना पूरा होने पर भी ठेकेदार निर्माण कंपनी पर इतनी मेहरबानी होना प्रश्नों को खड़ा करती है।

ख़ेर यह बात अलग है की जब इस समस्या व धीमी से भी धीमी गति से हो रहे निर्माण कार्य के बारे में निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया से लगातार संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया ना ही प्रश्न का कोई जवाब आया।

रतलाम : ऊँकाला रोड़ 3 साल से अटका अधर में, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के आश्वासन भी नाकाम
अधर में लटका काम

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