
दाहोद जिले के झालोद तालुका में लिमडी के पास लीलवा देवा गांव में स्थित स्वामी विवेकानन्द एजुकेशन ट्रस्ट दाहोद द्वारा संचालित सहायता प्राप्त आवासीय प्राथमिक विद्यालय लीलवा देवा के छात्रों की इस तथ्य पर लोकफ्रायड की एक महिला पत्रकार द्वारा वास्तविकता जांच की गई थी। सरकारी नियमों और कानून के विरुद्ध व्यवहार किया गया
महिला पत्रकार की जांच से पता चला कि छात्रों के साथ सरकारी नियमों और कानून के खिलाफ व्यवहार किया जा रहा था
देखा गया कि बच्चे एक ही कक्षा में पढ़ रहे थे जहां बिस्तर, सोफे, बक्से आदि पड़े थे और उसी कमरे में एक आवासीय भवन भी था
इसी एक कमरे में विद्यार्थियों का शयनकक्ष, रसोईघर तथा बच्चों की पढ़ाई चल रही थी
ये बच्चे वहां रहते और सोते भी दिखे
उन्होंने छात्रों से सवाल पूछते हुए कहा कि *हम यहां पढ़ते हैं और इसी कमरे में रहते हैं इसलिए साफ-सफाई भी हम ही करते हैं* “हमें खाने में रोटली, सब्जी, दाल, चावल और रोटी मिलती है”
उनके पास नाश्ते में क्या है? पूछने पर जवाब मिला कि *नाश्ते में हमें सूखा चना और मामरा दिया जाता है”लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं दिया जाता”
इस नियम के मुताबिक नाश्ते का राशन कौन उडा लेता हे ? जो जांच का विषय है