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भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी का सदस्यता अभियान 14 जुलाई से होगा शुरु

विंध्य प्रदेश के मुद्दे पर पार्टी ने बगावत करने का बाद त्रिपाठी ने कुल 43 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ पार्टी का सदस्यता अभियान प्रारम्भ करने की घोषणा की 

भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी का सदस्यता अभियान 14 जुलाई से होगा शुरु
Poster released by VJP

इंडियामिक्स: मैहर से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी नयी नवीली VJP (विन्ध्य जनता पार्टी) को मजबूत करने के के लिये काम शुरू कर दिया है। त्रिपाठी ने करीब दो महीने पहले विंध्य जनता पार्टी बनाने की घोषणा की थी । त्रिपाठी अपनी नई पार्टी के लिए सदस्यता अभियान 14 जुलाई से शुरू करेंगे। त्रिपाठी ने कहा है कि उनकी पार्टी 43 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसके लिए विंध्य क्षेत्र के नेताओं से बातचीत की जा रही है। विधानसभा चुनाव में विंध्य जनता पार्टी रीवा और शहडोल संभाग की सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

नारायण त्रिपाठी भाजपा में आने से पहले नारायण त्रिपाठी कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी से भी चुनाव लड़ चुकें हैं। चार बार मैहर से विधायक रहें त्रिपाठी विन्ध्य क्षेत्र के बड़े नेता माने जातें हैं। नारायण त्रिपाठी लम्बे समय से मैहर को जिला बनाने और विन्ध्य प्रदेश के निर्माण की मांग करतें रहें हैं। कुछ महीने पहले इन्होने  मैहर में आयोजित विंध्य प्रीमीयर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में सार्वजनिक रूप से घोषित किया कि शहडोल, रीवा संभाग की 30 विधानसभा सीटों पर वे अपनी पार्टी से प्रत्याशी उतारेंगे। उन्होंने ’तुम मुझे 30 दो, मैं तुम्हें 2024 में विंध्य प्रदेश दूंगा’ का नारा भी दिया था। पिछली बार विन्ध्य की 30 में से 27 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। अगर इस बार त्रिपाठी की वीजेपी चुनाव मैदान लड़ती है तो इसका थोडा-बहुत असर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले में बीजेपी के कब्जे वाली सीटों पर हो सकता है।

भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी का सदस्यता अभियान 14 जुलाई से होगा शुरु
Narayan Tripathi demanding Vindhya Pradesh

पिछले छह दशक से मप्र में अलग विंध्य राज्य बनाने की मांग होती रही है। चार साल पहले भोपाल में हुए विंध्योत्सव कार्यक्रम में भी इसकी मांग उठाई गई थी। नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ, तब भी इसकी मांग की गई थी। मप्र विधानसभा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी भी इस के समर्थक थे। वो इस विषय पर विधानसभा में राजनीतिक प्रस्ताव भी लायें थें।

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