मोहन यादव से शिवराज सिंह की तुलना कितनी तर्कसंगत और मोहन रिमोट न बन जाये

A+A-
Reset

मोहन यादव सरकार से भाजपा का नयी राजनीति और नए प्रयोग सामने आने वाले हैं

मोहन यादव से शिवराज सिंह की तुलना कितनी तर्कसंगत और मोहन रिमोट न बन जाये

सम्पादकीय/इंडियामिक्स मध्यप्रदेश में भाजपा ने लगातार लगभग 18 वर्ष तक शासन किया इस शासन में उमा भारती और बाबूलाल गौर के बाद जब शिवराज सिंह ने प्रदेश की सत्ता संभाली तो उस वक़्त एक युवा मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा ने एक नयी पीढ़ी को मौका देकर अपनी दूसरी पंक्ति के नेताओ को सत्ता सौपने का आगाज किया था तबसे ही मुख्यमंत्री के तौर पर एक नए और युवा नेता का उदय हुआ था तब किसी को उम्मीद नही थी की शिवराज सिंह चौहान भारतीय राजनीति के सबसे सफल मुख्यमंत्रियों की सूचि में शामिल हो जायेगे.

शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 3 बार सरकार बनाने में सफल रही और शिवराज सिंह ने एक युवा नेता से शुरुआत करते हुए पुरे प्रदेश में अपनी छवि एक ईमानदार और जनता के सेवक के रूप में स्थापित की. इन सभी उपलब्धियों से बढकर वो प्रदेश के हर नागरिक और हर परिवार से खुद को जोड़ने में कामियाब रहे. कही वो लाडली बहना योजना के माध्यम से खुद को प्रदेश की महिलाओ के भाई के रूप में स्थापित हुए तो कही लाडली लक्ष्मी योजना के माध्यम प्रदेश की लडकियों के मामा बनकर उनके साथ अपने रिश्तो को मजबूत करते गए.

मोहन यादव से शिवराज सिंह की तुलना कितनी तर्कसंगत और मोहन रिमोट न बन जाये

भारतीय राजनीति में शायद ही कोई मुख्यमंत्री होगा जो इस तरह से महिलाओ में लोकप्रिय होगा ये लोकप्रियता सिर्फ महिओं तक ही सिमित नही रही धीरे धीरे प्रदेश के युवा भी उन्हें मामा कहकर बुलाने लगे. इस तरह के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की जगह नए मुख्यमंत्री बने मोहन यादव के लिए खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती रहेगी.

मध्यप्रदेश विधानसभा 2023 में भाजपा ने कमल और मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा

इस बार भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नाम पर चुनाव में नही जाने का फैसला किया सूत्रों के अनुसार जिन योजनाओ के दम पर शिवराज सिंह चौहान जीतते आ रहे थे उन योजनाओ से प्रदेश का बजट गड़बड़ा रहा था और मोदी सरकार हर बार मुफ्त की रेवडिया के नाम सरकार बनाने की मंशा नही रख रही थी हलाकि बाद में राजस्थान , कर्णाटक , तिलंगाना छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद में भाजपा के लिए भी इस तरह की योजनाओ बनाना राजनितिक मज़बूरी बन गयी इसलिए भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान की योजनाओ को बंद नही करने का फैसला किया. हालाकि इन योजनाओ को लेकर शिवराज सरकार ने राशी बढाने की घोषणा की थी मगर अब नयी सरकार में इन घोषनाओ में राशी बडाई जाएगी इसमें संदेह हैं.

नए मुख्यमंत्री या नए प्रयोग जो सत्ता का केन्द्रीयकरण करे

मोहन यादव से शिवराज सिंह की तुलना कितनी तर्कसंगत और मोहन रिमोट न बन जाये

चूँकि प्रधानमंत्री मोदी ने एमपी के मन में मोदी और मोदी की गारंटी जैसे स्लोगन पर मध्यप्रदेश का चुनाव लड़ा था इसलिए कम से कम जो योजनाये चल रही हैं उन्हें बंद नहीं किया जायेगा लेकिन अब आगे इस तरह की योजनाये हमें और देखने को मिलेगी इस पर संदेह हैं. मोदी केंद्र में इस तरह की योजनाये लगातार बनाते रहेगे और भाजपा शासित प्रदेशो में इसे सत प्रतिशत लागु करने पर जोर देते रहेंगे क्योकि अब भाजपा ने सत्ता नयी पीढ़ी को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया हैं. जो भी नए मुख्यमंत्री बन रहे हैं वो अब पूरी तरह से केंद्रीय नेतृत्व के इशारो या मार्गदर्शन में कार्य करेंगे. अब इस बार ऐसा कोई बड़ा नेता नही हैं किसी भी भाजपा शासित प्रदेश में जो वरीयता के आधार पर नरेन्द्र मोदी या अमित शह के आस पास भी हो.

ऐसे में भाजपा भी धीरे धीरे कांग्रेस के तर्ज पर कार्य करते हुए दिखाई देगी लेकिन ये कांग्रेस आज की नहीं अपितु इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी के समय की कांग्रेस जो अपने इशारो पर कांग्रेस शासित प्रदेशो की सरकार चलाती थी. हालाकि भाजपा में मंत्रिमंडल के लिए केंद्रीय नेतृत्व की राय पहले भी ली जाती थी लेकिन उससे बढकर इस बार मोहन यादव हर चीज़ के लिए दिल्ली के इशारे का इंतज़ार करते हुए दिखाई दे रही हैं. एक मुख्यमंत्री जिसे अपने सरकार में अपनी केबिनेट के लिए मंत्री बनाने के लिए दिल्ली के कितने चक्कर लगाने पड़ते हैं और उतने ही चक्कर इस बात के लिए भी लगाने पड़ते की किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जाए.

मोहन यादव से शिवराज सिंह की तुलना कितनी तर्कसंगत और मोहन रिमोट न बन जाये

हर चीज़ अगर दिल्ली से तय होगी तो मुख्यमंत्री मजबूत कैसे होंगे

शिवराज सिंह इसलिए बड़े नेता बने क्योकि उस समय भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें फ्री हैण्ड दिया था. खुद को उभरने के लिए स्वतंत्रता अत्यंत्र जरुरी हैं. हर बार अगर मुख्यमंत्री सिर्फ सन्देश वाहक की भूमिका में रहे तो भाजपा का नयी पीढ़ी को सत्ता में लाने का साहसिक कदम असफल हो जायेगा. किसी को भी अपना हुनर दिखाने के लिए स्वतंत्र गगन और भय मुक्त वातावरण चाहिए

Rating
5/5

ये खबरे भी देखे

 

इंडिया मिक्स मीडिया नेटवर्क २०१८ से अपने वेब पोर्टल (www.indiamix.in )  के माध्यम से अपने पाठको तक प्रदेश के साथ देश दुनिया की खबरे पहुंचा रहा है. आगे भी आपके विश्वास के साथ आपकी सेवा करते रहेंगे

Registration 

RNI : MPHIN/2021/79988

MSME : UDYAM-MP-37-0000684

मुकेश धभाई

संपादक, इंडियामिक्स मीडिया नेटवर्क संपर्क : +91-8989821010

©2018-2023 IndiaMIX Media Network. All Right Reserved. Designed and Developed by Mukesh Dhabhai

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00