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रतलाम : निगम का पशु पकड़ने का काम केवल आँकड़ो में, शहर में आवारा पशुओं की भरमार

रतलाम नगर निगम का स्वछत्ता मिशन अटका पड़ा अधर में, आँकड़ो में पशुओ को पकड़ने की बात हक़ीक़त कुछ और, कर्मचारियों पर नहीं पड़ता निगम आयुक्त की डांट फटकार का प्रभाव, आलस व अनदेखी ने बिगाड़ रखी है शहर की छवि

रतलाम : निगम का पशु पकड़ने का काम केवल आँकड़ो में, शहर में आवारा पशुओं की भरमार
स्थान :- शहर का घास बाज़ार, समय :- रात्रि 12 बजे के लगभग, पशुओ की सँख्या :- लगभग 15 से 20

रतलाम/इंडियामिक्स : शहर भर में आम जनता बखूबी जान रही है के इस समय स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर की हालत केवल “थोथा चणा बाजे घणा” वाली है। शहर में अधिकारी आँकड़ो का खेल करते हुए शहर में विकास कार्यो की भरमार व अपने होने का अहसास दिलाते रहते हैं। मगर हक़ीक़त कुछ और ही है।
एक ऐसा ही विषय इस समय सभी को खटक रहा है और वह है आवारा विचरण करने वाले पशु। जिन्हें उनके मालिक निगम की उदासीनता के चलते बेख़ौफ़ हो कर छोड़ देते है। दरअसल रोजाना निगम द्वारा आँकड़ो के रूप में पशुओ को पकड़ कर गौशाला भेजने की बात की जाती है। कल शुक्रवार तक में जारी आँकड़ो के अनुसार 1054 मवेशियों को पकड़कर नगर के बाहर की गौशालाओं में भेजा गया मग़र जब शहर की सड़कों पर आप या कोई भी निकलेगा तो वह इन आँकड़ो को महज़ एक मजाक ही समझेगा। क्योकि शहर की मुख्य सड़कों के हाल जस के तस ही है। पिछले 4-5 माह से ऐसे आँकड़े देने के बाद भी कोई फ़र्क नहीं पड़ा है। आपको सड़को पर बेपरवाह पशु चरते व लड़ते मिल जाएँगे। स्वास्थ्य अधिकारी ए.पी. सिंह पर ना जाने क्यों ऐसी दयादृष्टि बनी हुई है की लाख लापरवाही उजागर हो जाने के बाद भी उनके ऊपर कोई प्रश्न खड़ा नहीं होता है। ऐसे हालातो में निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया का प्रभाव निगम अधिकारियों के साथ ही छोटे कर्मचारियों पर भी शून्य नजर आता है। क्योंकि निगम आयुक्त की फ़टकार व उचित कार्यवाही के बाद भी निगम के विभागिय अधिकारी व कर्मचारी सुस्त व लापरवाह प्रवत्ति से बाहर नहीं आ रहे है। निगम कर्मियों व अधिकारियों में इंदौर शहर की तर्ज पर अगर बदलाव आ जाए तो बात बने।

हालाँकि कलेक्टर एवं प्रशासक नगर पालिक निगम रतलाम श्री कुमार पुरूषोत्तम व निगम आयुक्त श्री सोमनाथ झारिया के निर्देशानुसार स्वास्थ्य अमले द्वारा अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 9 जुलाई तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 1054 मवेशियों को पकड़ा जाकर जिले की विभिन्न गौशालाओं में भेजा गया है। अभियान के तहत 9 जुलाई को धानमण्डी, चौमुखी पुल, घांस बाजार आदि क्षेत्रों से 7 मवेशी निगम के स्वास्थ्य विभाग अमले द्वारा पकड़ा गया।
शहर के सार्वजनिक स्थानों, सड़को चौराहो को मवेशी मुक्त बनाये जाने हेतु नगर निगम द्वारा शहर के मवेशी पालकों के बाड़े एवं तबेलो को अभियान चलाकर तोड़ा जायेगा इस हेतु निगम द्वारा नगर के सभी मवेशी पालकों को नोटिस जारी किया गया है। शहरी क्षेत्र में मवेशियों का पालन करना नियम विपरित है, ऐसे मवेशी पालक जो कि शहरी क्षेत्र में अनुमति के विपरित तबेले एवं बाड़ो का निर्माण कर मवेशियों का पालन किया जा रहा है वे स्वंय अपने तबेले एवं बाड़े नहीं तोड़ते है तो निगम द्वारा उन्हे तोड़ा जाकर राशि वसूल की जायेगी।


नगर निगम एक्ट की धारा 358 के तहत कोई भी व्यक्ति जो कि अपना घोड़ा या अन्य किसी भी पशु को अपनी इच्छा से खुला छोडेगा व उससे किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पंहूचता है तो पालक पर 500 रूपये का अर्थदण्ड किये जाने का प्रावधान हैं। निगम एक्ट के तहत अब स्वच्छंद विचरण करने वाले मवेशी पालकों के घर जाकर निगम दस्ता अर्थदण्ड राशि रूपये 500/- वसूल करेगा स्वच्छंद रूप से विचरण करने वाले मवेशियों को पकड़ने की कार्यवाही प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी श्री ए.पी. सिंह के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा की गई।

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