राम मंदिर तिराहे की घटना, GMC में घण्टो इंतजार के बाद भी नहीं मिला बेड, जिसके बाद एक निजी अस्पताल में भी नहीं मिला बेड, दूसरे तक जाते जाते बाइक पर माँ और भाई के बीच बैठे सुरेश ने तोड़ दिया दम
रतलाम/इंडियामिक्स : अनिल डागर अपने भाई सुरेश की अचानक खराब हुई तबियत से उन्हें लेकर अपनी माँ के साथ रतलाम मेडिकल कॉलेज लेकर आ रहे थे, जब पहुचे तो उन्हें मेडिकल कॉलेज में बेड के लिए दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी बेड नही मिला, अनिल से अपने भाई की तबियत लगातार खराब होती देखी नहीं गयी।
मेडिकल कॉलेज में दो घंटे तक बेड के लिए जद्दोजहद करने के बाद भी जब मरीज को जगह नहीं मिली तो भाई अनिल उन्हें आयुष ग्राम प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी और उन्हें बेड नही मिला । इसके बाद गंभीर हालत में वकील सुरेश डांगर को दूसरे निजी अस्पताल ले जाते समय ही राम मंदिर तिराहे पर अनिल और माँ के बीच बैठे सुरेश ने बाइक पर ही दम तोड़ दिया। इंसानियत कोरोना से कितनी प्रभावित हुई है ये देखने को तब मिला जब कोरोना संदिग्ध होने की वजह से बड़ी देर तक सड़क पर परेशान हो रहे परिवार की मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया। इसके बाद मौके पर ड्यूटी कर रहे हैं पुलिसकर्मियों की मदद से शव को जिला अस्पताल पहुंचाया गया है।
वकील सुरेश डागर की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी। वे घर पर ही उपचार ले रहे थे। जहां मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से मां और भाई बाइक पर उन्हें मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे थे। जहां जगह नहीं मिलने पर प्राइवेट अस्पताल ले जाते समय उन्होंने बाइक पर ही बीच सड़क दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि रतलाम मेडिकल कॉलेज और सभी निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बेड बीते एक हफ्ते से भरे हुए हैं।
जबकी आज ही 12 बजे के बाद से 60 बेड का नया ऑक्सीजन कोविड-वार्ड आरंभ किया गया। फिर भी उक्त मरीज़ को ऑक्सिजन बेड नहीं मिलना स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।