आयुर्वेदिक औषधि की दुकानों से प्रतिबन्धित जानवरों के अंग मिले, दिल्ली से आई वाइल्ड इंडिया की टीम ने रतलाम आकर पुलिस व वन विभाग की टीम के साथ की छापेमार कार्रवाई, एक व्यापारी को छुटवाने लगे धना-धन नेताओ के फोन

रतलाम IMN, शनिवार को वन विभाग की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में शहर के दो आयुर्वेदिक औषधि विक्रेताओं की दुकानों में छापा मार कार्रवाई की गई। इसके बाद तीन आरोपितों से दुर्लभ व संरक्षित श्रेणी के वन्य प्राणियों के अंग एवं दुलर्भ प्रजाति के पौधे जब्त किए गए हैं। मिर्ची गली की दुकान के संचालक सादिक पुत्र हकीमुद्दीन निवासी बुरहानी मोहल्ला भरावा की कुई और चौमुखीपुल की दुकान के संचालक राजेंद्र कुमार पुत्र चंदनमल पटवा एवं कमल पिता चंदनमल पटवा निवासी चौमुखी पुल के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 17(ए) (बी) (डी) (ई) (एफ) (जी) (एच), नौ, 39,42,44,(ए) 49,50,51 के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 3609, 21 तथा 3609, 22 दर्ज किया गया है। दोनों दुकानों में अवैध तरीकों से कारोबार चल रहा था। इधर, पटवा की दुकान से बड़ी मात्रा में नकदी भी मिली है जिसे लेकर आयकर विभाग की टीम को भी सूचित किया गया है।
मालूम हो कि वन विभाग की टीम ने शनिवार शाम से कार्रवाई शुरू की थी, जो रविवार शाम तक चलती रही। तीनों आरोपितों को न्ययालय में पेश किय गया जहां उनकी जमानत अर्जी खारिज हो गई। वन विभाग के आवेदन पर न्यायालय ने 25 फरवरी तक आरोपितों को रिमांड पर भेजा है। विभागीय अमला इनसे 25 फरवरी तक पूछताछ कर आगे की जांच करेगा। इसके लिए डीएफओ ने एक टीम का गठन भी कर दिया है। दोनों दुकानों से शेर, उल्लू, गोह, जंगली बिल्ली सहित कई वन्य प्राणियों के भारी मात्रा में अंग जब्त किए गए हैं।
यह था पूरा मामला :-
दुर्लभ व संरक्षित श्रेणी के वन्य प्राणियों के अंगों के अवैध कारोबार की शंका पर वाइल्ड लाइन इंडिया तथा वन विभाग की टीम ने शहर के दो कारोबारियों के यहां छापा मारा। कार्रवाई के दौरान दोनों व्यपारियों के यहां से भारी मात्रा में वन्य जीवों के अंग सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है। मामले में दो व्यापारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। हिरासत में लिए गए एक व्यापारी को छुड़ाने को लेकर देर रात तक कतिपय राजनेता सक्रिय नजर आए।
मिर्ची गली माणक चौक के हकीमुद्दीन-गुलामअली तथा चौमुखीपुल के पास राजेश पटवा की शॉप पर धावा बोला। यहां तलाशी के दौरान प्रतिबंधित सामग्र जब्त हुई। कार्रवाई दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई थी। दोनों शॉप सील कर दी गई हैं और फर्म संचालकों हकीमुद्दीन तथा राजेश पटवा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जब्त किए गए अंग-प्रत्यंग और अवशेष में ज्यादातर अनुसूची- 2 में शामिल होकर काफी दुर्लभ हैं। इऩके मूल्य का आकलन करना मुश्किल है। ये अनोमल हैं। इनके उपयोग को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ के दौरान व्यापारियों से पता किया जाएगा कि उनके द्वारा जब्त अवशेषों और अंगों की खरीदी कहां से की गई है और इस अवैध कारोबार में कौन-कौन लिप्त है।
सूत्रों की मानें तो संरक्षित वन्य जीवों के अंगों और अवशेषों का कारोबार शहर में लंबे समय से हो रहा है लेकिन इस ओर कभी भी जिम्मेदारों ध्यान नहीं गया। बताया जाता है कि जब इसकी भनक वाइल्ड लाइन इंडिया दिल्ली को लगी तो वहां शाखा के दीपक कुमार सहित दो सदस्य रतलाम आ धमके। इसके बाद वन विभाग का अमला हरकत में आया और छापे की रणनीति बनी। हिरासत में लिए गए एक व्यापारी को छुड़वाने को लेकर देर रात तक वन मंडलाधिकारी सहि अन्य अफसरों के फोन घनघनाते रहे। एक पूर्व जनप्रतिनिधि तो वन विभाग भी पहुंच गए थे और उन्होंने वहीं से मोबाइल पर किसी से बात की। उनका कहना था कि उक्त व्यापारी ऐसे अवैध कारोबार में लिप्त नहीं हो सकता और उसे छुड़वाने के लिए प्रयास करते रहें। बताया जा रहा है कि इसी दबाव के चलते एक व्यापारी को मीडिया के सामने लाने से वन विभाग का अमला परहेज करता रहा।
जांच दल में ये शामिल
वन मंडालिधिकारी द्वारा बनाए गए जांच दल में प्रभारी वनक्षेत्रपाल हरिकरण पटेल, सुरेश बरोले, आजाद कुमार नागोरिया, उप वनक्षेत्रपाल अब्दुल तनवीर खान, गोपाल परमार, वन रक्षक राहुल सोडानी और मनोज गौड़ शामिल है।
व्यापारी राजेश पटवा से जब्त सामग्री :-
हत्था जोड़ी – 19 नग (अनुसूची-1)
बारह सिंगा के सींग – 24 टुकड़े (अनुसूची- )
मोलस – वजन करना बाकी (अनुसूची-1,पार्ट 4बी)
फायर फीटल – वजन करना बाकी (अनुसूची-1)
कुट – वजन करना बाकी (अनुसूची-6)
व्यापारी हकीमुद्दीन से जब्त सामग्री :-
बारसिंह सिंगे का सींग- 01 नग (अनुसूची-1)
बारह सिंघे का सींग – 01 नग टुकड़ा (अनुसूची-1))
इंदर जाल – 04 नग (अनुसूची-1)(सी-जेम)
सियार सींगी – 07 नग (अनुसूची-2)
शेर के नाखून – 02 नग (अनुसूची-1)
उल्लू का नाखून – 02 नग (अनुसूची-1)
हत्था जोड़ी – 05 नग (अनुसूची-1)
बिल्ली पित्त – 01 नग (अनुसूची-2)