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रतलाम : अंचल में दम तोड़ रही उज्जवला योजना, ग्रामीण नहीं ले रहे दूसरा सिलेंडर…

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण अंचलों में हजारों गैस चूल्हे सिलेंडर निशुल्क वितरित किए गये

रतलाम : अंचल में दम तोड़ रही उज्जवला योजना, ग्रामीण नहीं ले रहे दूसरा सिलेंडर…

रतलाम / इंडियामिक्स न्यूज़. ग्रामीण महिलाओं के आंसू पहुंचने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना का लाभ ग्रामीण अंचल की महिलाएं नहीं उठा रही , जबकि उक्त योजना चालू हुए तीन साल…

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण अंचलों में हजारों गैस चूल्हे सिलेंडर निशुल्क वितरित किए गये ताकि ग्रामीण अंचल की महिलाओं को चूल्हा चौके धुएं भरी जिंदगी से निजात दिलाया जा सके परंतु हजारों परिवार उज्जवला योजना के तहत मिले चूहे और गैस सिलेंडर को अपने घर तो ले आए हैं परंतु उसका उपयोग करने से कतरा रहे, इस योजना के तहत ग्रामीणों सहित नगरीय क्षेत्र में तेजी से गैस कनेक्शन दिए गए।

रतलाम : अंचल में दम तोड़ रही उज्जवला योजना, ग्रामीण नहीं ले रहे दूसरा सिलेंडर…

जिन हितग्राहियों को लाभ मिल चुका है, वह किसी न किसी कारण से गैस चूल्हा जलाते ही नहीं हैं और आज भी लकड़ी कंडे का उपयोग कर रहे हैं। गौरतलब है कि गरीब परिवार की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की। इसके तहत गरीब महिलाओं को निशुल्क एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए लकड़ी की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है।

क्या कहते हैं गैस एजेंसी संचालक

इस संबंध में गैस एजेंसी संचालक भंवर सिलावट से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना के तहत लगभग 6000 से भी अधिक वितरित किए गए परंतु गैस रिफलिंग कराने का प्रतिशत 20 से 25 ही है

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