नगर निगम को भी कोरोना इलाज की दरकार अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक नहीं करते समस्या का निराकरण, सीएम हेल्पलाइन की शिकायत ठंडे बस्ते में
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उज्जैन / इंडियामिक्स न्यूज़ उज्जैन नगर पालिक निगम को भी कोरोना इलाज की दरकार है यदि कोई शिकायत लेकर आता है तो अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक उसकी समस्या का निराकरण नहीं करते हैं बल्कि उसे ही कई नियम कानून कायदे बता दिए जाते हैं ताकि दोबारा वह नगर निगम की चौखट पर नहीं आ पाए यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में की जाने वाली शिकायत को भी ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है
शुभम खंडेलवाल की हत्या हुई या फिर आत्महत्या या फिर किसी साजिश के तहत उसकी मौत हुई है इस पर अभी सवाल खड़े हुए हैं गीता कॉलोनी में विगत दिनों बिना नोटिस दिए नगर निगम की एक टीम ने टीआईटी क्वार्टर नंबर 2 में भी पिछले हिस्से में गुंडागर्दी करते हुए तोड़फोड़ कर दी जबकि पूरे शहर में अतिक्रमण है बिना नक्शे के कई लोगों ने मकान बना लिए हैं जब कुछ लोग अवैध मकान को वैध करवाने के लिए समझौता प्रकरण के तहत जोन कार्यालयों में गए तो वहां भी कई तरह के नियमों के पाठ पढ़ा दिए गए जबकि होना यह चाहिए था कि समझौता राशि जमा करके इन लोगों को परमिशन जय दी जानी चाहिए थी
जिससे निगम की आज भी बढ़ती और संपत्ति कर भी जमा हो जाता नगर निगम के जोन कार्यालयों में पदस्थ सब इंजीनियर भ्रष्टाचार की गंगा में डूबे हुए हैं वेद मकान को अवैध कैसे किया जाए और अवैध को वेद जैसे बताया जाए यह इन लोगों से सीखा जाए क्योंकि बिना लेनदेन के यह लोग काम नहीं करते हैं जोन कार्यालयों में भी दलालों की कमी नहीं है नगर निगम आयुक्त को चाहिए कि अपने अधीनस्थों पर लगाम कसे