
रतलाम/इंडियामिक्स संविधान दिवस पर भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने अंबेडकर सर्किल से कलेक्टोरेट तक वहां रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन रतलाम शहर नायब तहसीलदार रामचंद्र पांडे क दिया । भारतीय संविधान जिंदाबाद, शिक्षक भंवरलाल परमार,निलंबन वापस लो, किशन चारेल की कार्रवाई वापस लो, केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के खिलाफ नारे लगाये ।
ज्ञापन में कहा गया कि पूरे देश भर में एससी एसटी आदिवासी अधिकारियों के साथ, जातीय उत्पीड़न, शारीरिक मानसिक रूप से परेशान प्रताड़ित किया जा रहा, और राजनीतिक दबाव और राजनीतिक नेताओं द्वारा, गैर संवैधानिक तरीके से उनका ट्रांसफर और उनका निलंबन किया जा रहा है । आदिवासी समाज सुधारक संविधान सम्मत सामाजिक विचार देने वाले शिक्षक भंवरलाल परमार का राजस्थान सरकार ने निलंबित और मध्य प्रदेश रतलाम के जन शिक्षक किशन चारेल पर कार्यवाही का विरोध किया ।

भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के दिनेश पाल ने बताया कि शिक्षक भंवरलाल परिवार हमेशा आदिवासियों के इतिहास संस्कृति रूडी प्रथम कस्टमरी लॉ संविधान विशेष अधिकारों सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट आदिवासी दर्शन आध्यात्मिक प्रकृति वादी आदिवासी धर्म आदिवासी पूजा पद्धति आदिवासी विवाह पद्धति आदि पर बोलते रहे है इसलिए राजनीतिक षड्यंत्रकारी नेताओं ने उनको निलंबित करवा दिया । ओर रतलाम में राजनीतिक षड्यंत्रकारी नेता और अधिकारी सैलाना एसडीएम ने जन शिक्षक किशन चारेल को ऑफिस के बंद कमरे में बुलाकर, उनका शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी । जिसके विरोध में, राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के बैनर तले, आक्रोश रैली निकालकर महामहिम राष्ट्रपति एवं जनजाति आयोग अध्यक्ष और मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर कार्यालय शहर नयाब तहसीलदार रामचंद्र पांडे को ज्ञापन दिया गया है । शिक्षक भंवरलाल परमार, निलंबन की कार्रवाई निरस्त, ओर रतलाम मध्य प्रदेश से किशन चारेल को वापस उसी स्थान पर नहीं भेजने की मांग अगर नही मानी गयी तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जाएगा …।
उपस्थित भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश संयोजक दिनेश माल, आदिवासी परिवार के ध्यान वीर डामोर, बद्रीलाल पारगी, जिला पंचायत सदस्य चंदू मईडा, महावीर निनामा, BPVM जिला संयोजक अनिल मईडा, ग्रामीण संयोजक जस्सू मईडा, विकास भाबर, कालू बारोड़, सतीश मुनिया,भूरालाल देवड़ा, सुरेंद्र निनामा, राजेश मईडा, ईश्वर डोडियार, अनिल डामोर, मूना माल, पूनम चंद्र बामनिया, भरत कतीजा, दिलीप खराड़ी, दिलीप हाडा, राजेश सिंगाड़, राजू पारगी… आदि बड़ी संख्या में छात्र सामाजिक साथी उपस्थित रहे।।

