
1 अप्रैल से इनकम टैक्स के कई नियम बदलने जा रहे हैं। 23 जुलाई, 2024 को पेश बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई रीजीम में बड़े बदलाव का ऐलान किया था।
ये बदलाव 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। अगर आप नौकरी करते हैं तो इन बदलावों के बारे में आपके लिए जानना ज्यादा जरूरी है। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी पर असर पड़ेगा। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगर आप नौकरी करते हैं तो अप्रैल में आपका एंप्लॉयर (कंपनी) आपको ईमेल भेजकर यह पूछेगा कि आप इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। आपके यह बताने के बाद वह आपकी सैलरी से टैक्स काटना (TDS) शुरू करेगा। इसलिए आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से कौन सी रीजीम आपके लिए फायदेमंद है। इस बारे में आप किसी टैक्स कंसल्टेंट की मदद ले सकते हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2024 में कहा था कि सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। लेकिन, ध्यान में रखने वाली बात यह है कि यह नियम इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए है। इसलिए टैक्सपेयर्स खासकर नौकरी करने वाले लोगों को अभी यह जान लेना जरूरी है कि क्या 12 लाख तक की इनकम को छूट के नियम के बाद उनके लिए इनकम टैक्स की नई रीजीम फायदेमंद होगी।
सरकार की कोशिश इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल बढ़ाने पर है। इसलिए पिछले कुछ सालों में इस रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने की लगातार कोशिश है। सरकार ने जुलाई में पेश यूनियन बजट में 12 लाख तक की इनकम को टैक्स से छूट देने के साथ ही नई रीजीम के टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया था। ये नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होने जा रहे हैं। आपका टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट भी इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस रीजीम का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में करने जा रहे हैं।
इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम अब सिर्फ उन लोगों के लिए फायदेमंद रह गई है, जिन्होंने होम लोन लिया है या एचआरए क्लेम करते हैं। अगर आप नौकरी नहीं करते हैं तो एचआरए का विकल्प भी आपके लिए नहीं है। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में होम लोन पर डिडक्शन सहित कई तरह का डिडक्शन मिलता है। इनमें सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाला डिडक्शन सबसे प्रमुख है। इस सेक्शन के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। इनमें निवेश कर आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। साथ ही सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर भी डिडक्शन मिलता है।
इनकम टैक्स की नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलता है। लेकिन इसमें टैक्स के रेट्स कम है। 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर देने के बाद इस रीजीम का अट्रैक्शन काफी बढ़ गया है। यह रीजीम उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद हैं जो किसी तरह का टैक्स-सेविंग इनवेस्टमेंट नहीं करते हैं। इसमें टैक्स का कैलकुलेशन काफी आसान है। इसलिए अगर आप टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट नहीं करते हैं तो यह रीजीम आपके लिए फायदेमंद रहेगी।