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उज्जैन : सावन में बाबा महाकाल की सवारी व दर्शन की व्यवस्था, पहली सवारी 26 को

हर सोमवार के दिन सुबह 11 बजे के बाद दर्शनों पर रहेगी पाबंदी, 3500 की जगह अब 5000 को अनुमति, ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य, बाबा महाकाल की पहली सवारी 26 जुलाई सोमवार को

उज्जैन : सावन में बाबा महाकाल की सवारी व दर्शन की व्यवस्था, पहली सवारी 26 को

रतलाम/इंडियामिक्स : उज्जैन महाकाल के दर्शनार्थियों की संख्या सावन मास को देखते हुए बढ़ाई गई है। अब रोजाना 5,000 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकेंगे। ये संख्या पहले 3,500 थी। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग जरूरी होगी। प्रशासन ने इसकी गाइडलाइन जारी कर दी है। हर सोमवार सुबह 11 बजे के बाद दर्शनों पर पाबंदी रहेगी। पहले से भस्म आरती में श्रद्धालुओं पर लगा प्रतिबंध इस बार भी जारी रहेगा। ये निर्णय शुक्रवार को कलेक्टर ने लिया है।

सावन मास की शुरुआत 25 जुलाई से होना है। अगले ही दिन 26 जुलाई को पहला सोमवार होगा। इसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। यहां शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी और एडीएम समेत अफसरों ने मंदिर का जायजा लिया। साथ ही, तैयारियों के साथ निकलने वाली महाकाल की सवारी मार्ग को भी देखा। कलेक्टर ने बताया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ाकर 5000 किया गया है।


इसके अलावा 250 की रसीद से दर्शन करने वाले श्रद्धालु की संख्या को सीमित नहीं किया गया है। साथ ही, श्रावण-भादौ में महाकाल की सवारी छोटे रूट से ही निकाली जाएगी। इसमें श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सोमवार को सुबह 11 बजे बाद से दर्शन व्यवस्था बंद कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, बाबा महाकाल की पहली सवारी 26 जुलाई सोमवार को मंदिर के मुख्य द्वार से शाम 5 बजे रवाना होगी। सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से हरसिद्धि मंदिर के पास से रामघाट पहुंचेगी।
वापसी में हरसिद्धि की पाल, हरसिद्धि मंदिर के सामने से बड़ा गणेश के सामने से होकर मंदिर में पहुंचेगी। इस दौरान बड़ा गणेश मंदिर के सामने से ही ऑनलाइन अनुमति लेने वाले और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थियों की लाइन भी रहती है। इस आधार पर प्रशासन ने प्रति सोमवार को सवारी निकलने के कारण सुबह 11 बजे बाद से दर्शन व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है।

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