एस जयशंकर से पहली ही मीटिंग में ट्रम्प के विदेश मंत्री ने उठाया मुद्दा

न्यूज़ डेस्क/इंडियामिक्स अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अवैध आव्रजन पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है, खासकर उन लोगों के खिलाफ जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। इस संदर्भ में, अमरीका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह चिंता का विषय बन गया है, खासकर उन लगभग 20,000 भारतीयों के लिए जो बिना कागजात के अमरीका में मौजूद हैं। अमेरिकी प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों की पहचान कर, उन्हें वापस उनके देश भेजने की योजना बनाई जा रही है।
भारत सरकार ने इस मामले में सहयोग की पेशकश की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई भारतीय नागरिक अवैध रूप से अमेरिका में है, तो भारत उनकी वैध वापसी के लिए तैयार है। हालांकि, इस पर पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि यह आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा अपने नागरिकों के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए काम करेगा, और अवैध प्रवासन के खिलाफ उनका रुख स्पष्ट है।
वीजा प्रक्रिया में देरी पर जयशंकर ने जताई चिंता
अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों का मामला और भी संवेदनशील हो जाता है क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच वीजा और अन्य दस्तावेजों को लेकर लंबी प्रतीक्षा अवधि का भी मुद्दा है। जयशंकर ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर वीजा प्रक्रिया में इतनी लंबी देरी होती है, तो यह अन्यथा हो सकता है।
अमेरिकी प्रशासन की ओर से तैयार दस्तावेजों के अनुसार अमरीका में लगभग 18 हजार ऐसे भारतीय हैं जिनके पास अमरीका में रहने के लिए पर्याप्त वैध दस्तावेज नहीं हैं। यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 तक 20407 लोग ऐसे थे जिन्हें अमरीका ‘बगैर दस्तावेजों’ अथवा ‘अधूरे दस्तावेजों’ के बताता है।