17.3 C
Ratlām

मध्यप्रदेश पॉवर सेक्टर रिफॉर्म में निभा रहा है अग्रणी भूमिका

किसानों को बिजली सब्सिडी अब सीधे बैंक खातों में, 60 हजार 81 किसानों के खाते में 32 करोड़

मध्यप्रदेश पॉवर सेक्टर रिफॉर्म में निभा रहा है अग्रणी भूमिका
मध्यप्रदेश पॉवर सेक्टर रिफॉर्म में निभा रहा है अग्रणी भूमिका 2

मध्यप्रदेश ने वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा पॉवर सेक्टर (बिजली क्षेत्र) में सुधारों के लिए बनाए गए मानदंडों को लागू करने में मध्यप्रदेश ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इसके तहत राज्य ने दिसंबर 2020 से विदिशा जिले में किसानों को बिजली के तहत मिलने वाली सब्सिडी को सीधे बैंक खाते (डीबीटी के जरिए) में देनी शुरू कर दी है। इस प्रकार मध्यप्रदेश ने पॉवर सेक्टर के लिए निर्धारित तीन सुधारों में से एक को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि बिजली सुधार को सफलतापूर्वक लागू करने से मध्य प्रदेश को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने की पात्रता मिल गयी है। इसके तहत व्यय विभाग ने राज्य को खुले बाजार से 1423 करोड़ रुपये कर्ज लेने की अनुमति दे दी है। यह राशि राज्य को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाने में मदद देगी।

वित्त मंत्रालय की पॉवर सेक्टर में सुधारों के जरिए कोशिश है कि किसानों को बिना किसी अड़चन के न केवल बिजली सब्सिडी की राशि मिल सके बल्कि भ्रष्टाचार को भी रोका जा सके। इसके अलावा इन कदमों के जरिए यह भी कोशिश है कि विद्युत वितरण कंपनियों की बैलेंसशीट को भी सुधारा जा सके। इससे उनकी नकदी की समस्या भी धीरे-धीरे खत्म हो सकेगी।

60 हजार 81 किसानों के खाते में 32 करोड़

मध्यप्रदेश ने राज्य में कृषि उपभोक्ताओं के लिए एक डीबीटी योजना तैयार की है। इस योजना को राज्य के विदिशा जिले में लागू किया गया है। यहां पर योजना को दिसम्बर, 2020 से लागू कर दिया गया है। योजना में दिसम्बर, 2020 तक 60,081 लाभार्थियों के बैंक खातों में 32 करोड़ 07 लाख रुपये डीबीटी के जरिए भेजे गए। इसके अलावा राज्य ने झाबुआ और सिवनी जिलों में भी डीबीटी योजना को लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में 3 जिलों में योजना के लागू होने के बाद, उससे मिले अनुभव के आधार पर योजना को वित्त वर्ष 2021-22 में पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए 17 मई 2020 को यह फैसला किया था कि राज्य जीएसडीपी के 2 फीसदी के बराबर उधारी ले सकेंगे। इसके तहत आधी पूंजी जुटाने की सुविधा, राज्य द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए उठाए गए सुधारों से जुड़ी होगी। इसके अलावा राज्यों को अतिरिक्त रूप से जीएसडीपी के 0.25 फीसदी के बराबर राशि जुटाने की सुविधा प्रत्येक सेक्टर में किए सुधारों को लागू करने की वजह से मिलेगी।

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Name
Latest news
Related news