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रतलाम : “सर्वानन्द” के “आनन्द” – छोटो को “फटकार” और बड़ो को “दुलार”, ऐसा कैसे चलेगा सरकार ?

थाना स्टेशन रोड़ से थोड़ा दूर शहर के प्रसिद्ध बड़े किराना मॉल सर्वानन्द बाज़ार पर केवल दिखावे की कार्यवाही, 50 के लगभग लोग कर रहे थे बन्द दुकान में खरीददारी, प्रशासन के आते ही पीछे के रास्ते से निकाला, दूसरी बार मे भी 10,000/- के जुर्माने पर छोड़ दिया गया, प्रशासन की कार्यवाही पर उठे सवाल, वीडियो जरुर देखे

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रतलाम/इंडियामिक्स : शहर में यूँ तो कानून की धाराओं का डंडा देखने को रोज मिल रहा है। कभी किसी किराना वाले पर, कभी चप्पल वाले पर, कभी सब्जी वाले पर आदि ऐसे छुटपुट व्यापारी हैं जो दो पैसे की लालच में जनता को जान पर खेलकर सुविधा देना चाह रहे हैं। मग़र प्रशासन की इन पर नजर पड़ते ही प्रशासन कानून का हवाला देते हुए कानून की धाराओं में वैधानिक कार्यवाही करते हुए प्रकरण बनाता है और इनसे 25-25 हजार तक के जुर्माने लिये जाते हैं। फिर जन जागरूकता व जनता को दिखलाने के लिये उसे ख़बरियो तक भी पहुंचाता है, ताकी लोगो को कानून का भय हो और वे कोरोना काल मे नियमो के उलंघन करने से पहले सोचे।

शहर में बीते शुक्रवार दोपहर में न्यू रोड़ स्थित प्रसिद्ध “सर्वानन्द बाज़ार” पर छापेमारी की कार्यवाही अचानक होती है। इस बड़ी दुकान के बड़े लोग, लोगो को पिछे के रास्ते बुला कर जमकर ख़रीददारी करते हुए पकड़ा गये। दुकान में बेपरवाह रूप से 40-50 के लगभग लोग ट्रॉली ले कर सामान खरीदते मिले जबकि यह पूर्णतः प्रतिबंधित किया जा चुका है। आपको बता दें की किराना सामन की घर पहुंच सेवा पहले से है, उसी की आड़ में यह खेल भी होता रहता है।

ख़ेर प्रशासनिक अमला पहुँचा वह तो ठीक था मगर उक्त स्थल पर मीडिया दल के पहुँचने के बाद वहाँ उपस्थित प्रशासनिक अमला भी सकपकाया सा लग रहा था। अब कहने को कार्यवाही कैसी होना था यह आप भी जानते हैं और हम भी मग़र बाशिंदों ने किया क्या ? केवल 10,000 की चालानी कार्यवाही और 10 दिन के लिए दुकान सील ? दुकान सील भी की तो 10 तालो में केवल 1 ताले पर कागज़ चिपकाया गया और बस हो गया। उक्त जानकारी भी साहब ने मीडिया के पूछने पर मौखिक रूप से बतायी।
अब तक हम भी इसका आधिकारिक रूप से जो खबर आती है उस प्रकार से खबर आने का इंतेज़ार करते रहे गये मग़र वह नहीं आयी। सूत्र बताते हैं की यह पहला मामला नहीं था जब इस दुकान पर लॉक डाउन उलंघन का मामला बना यह दूसरी बार था और दूसरी बार भी केवल खाना-पूर्ति कर चलते बना प्रशासन। शहर में छोटे व्यापारी व बड़े व्यापारी देख कर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करने कहाँ तक उचित है?

आपको ताजा उदाहरण देते हुए यह भी याद दिला दिया जाये की 2 दिन पूर्व ही शहर के बेकरी संचालक पर केक बना कर बेचने पर 188 के तहत कार्यवाही की गई थी।

यह सारी बाते आम जनता के मन मे सवाल पैदा करती है की- छोटो को “फटकार” और बड़ो को “दुलार”, ऐसा कैसे चलेगा सरकार ? यह घटना बड़े बड़े लोगो के साथ प्रशासन के बन्दरबांट मामले को भी सामने लाती दिखाई देती है।

कुछ लोग यह भी कहते दिखाई दिए की इनको क्या कमी जो ऐसे सामान बेचा जा रहा है। वहीं एक व्यक्ति ने तो यह भी राय दी की जिस तरह सब्जी वालो की सब्जियां छिनकर भोजन सेवा वालो को दी गयी थी, तो क्या किराना सामान भी सेवा संगठनो को देने की हिम्मत की जा सकती थी ?

कुछ कदम दूर स्टेशन रोड़ थाना :-

जिस स्थान पर नियमो की जमकर धज्जियाँ उड़ाई जा रही थी, वहाँ से थोड़ी दूर स्टेशन रोड़ थाना प्रभारी किशोर पाटनवाला जी बैठते है। स्टेशन रोड थाने के पीछे ही थोड़ा चलकर यह दुकान आ जाती है।
हैरान कर देने वाली बात है की उनके इतने पास ही इस प्रकार इतनी बड़ी दुकान पर यह सब चल रहा था और उन्हें भनक तक ना लगी। आपको यह भी बता दे की इसी रास्ते पर पुलिस अधिकारियों के आवास भी है। निचे दिया गया वीडियो जरुर देखे-

वीडियो देखने के लिए यहा क्लिक करे https://youtu.be/EUjjXvjcMlA
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कार्यवाही करता अमला
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अंदर खरीदी करते ग्राहक
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कार्यवाही पर पीछे के रास्ते बाहर करते कर्मचारी

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