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रतलाम : आवारा व घरेलू पशुओं से पटा पड़ा शहर, निगम के दावे खोखले

निगम के पशु पकड़ने के दावे खोखले, स्वछत्ता सर्वेक्षण के नाम पर हो रही केवल लीपा-पोती, आवारा पशुओं के विचरण में निगम के पास अब तक कोई ठोस योजना नहीं

रतलाम : आवारा व घरेलू पशुओं से पटा पड़ा शहर, निगम के दावे खोखले

रतलाम IMN : यूँ तो कहने को कुछ दिनों पहले ही निगम द्वारा 600 से अधिक मवेशी पकड़ने की बात जोर शोर से कही गयी थी। मगर हालात कुछ और ही बताते है। अब भी बाजार मवेशियों से भरे पड़े हैं। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए निगम ने कहने को तो विशेष अभियान छेड़ रखा है मगर यह केवल दिखावटी ही नज़र आ रहा है। आज भी सड़को पर बेधड़क घूमते मवेशी नज़र आ जाएंगे जिन्होंने वाहन चालकों के साथ ही व्यपारियो की नाक में भी दम मचा रखा है।

आखिर निगम की ऐसी क्या मजबूरी है जिससे वह इन पर कोई ठोस कार्रवाई करने से बच रहा है? निगम की लचर व्यवस्था कई सवाल खड़े करती है। आखिर कब शहर मवेशियों से मुक्त होगा।

मवेशी मालिक बेधड़क जनता की छाती पर अपने मूक मवेशियों को मूँग दलने को छोड़ देती है। इसमें बिचारा मूक मवेशी भी समय का मारा है उसके लिए इधर खाई तो उधर कुँआ है।

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