माह पूर्व हुए हादसे को बताते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने की पोस्ट, खुद के अनुभव द्वारा सायकिल एक्सीडेंट के मुख्य कारणों को बताया
रतलाम : इंडियामिक्स न्यूज़ माह पूर्व हुए हादसे को बताते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने आज अपनी फेसबुक पोस्ट शेयर की जिसमे उन्होंने आमजन के लिए दुर्घटना से बचने व सायकलिंग के नियमो को विस्तृत बिंदु बना कर समझाया। पोस्ट में श्री तिवारी ने लिखा कि-
27 मई 2020 को रतलाम ज़िले के सरवन थाना क्षेत्र में पहाड़ी इलाक़े में साइक्लिंग के दौरान हुए एक हादसे में मेरी तीन हड्डियाँ टूट गई, दाहिने कंधे में दो फ़्रैक्चर हुए और बाई कलाई में एक फ़्रैक्चर हुआ, साइकिल ऐक्सिडेंट के मुख्य कारणों को आप सभी के बीच लाना चाहूँगा, ताकि आप कभी साइकिल चलाते वक़्त हादसे के शिकार ना हो ।
१) साइकिल को चलाने से पहले उसका बारीकी से निरीक्षण जरूर करना चाहिए।
कहीं भी जाने से पहले अपनी साइकिल को अच्छे से जाँच लें कि कहीं उसमे कोई दिक्कत तो नहीं है।
२) पहीयो में निर्धारित लिमिट से ज़्यादा हवा ना भरे।
३) आगे और पीछे दोनो पहियों के ब्रेक ज़रूर चेक कर ले। अपने ब्रेक को हमेशा लचीला रखें।
४) स्ट्रेस में या फिर शराब पीकर कभी साइकिल नहीं चलानी चाहिए।
५) व्यस्त सड़क पर साइकिल की सवारी करना ज्यादा खतरनाक होता है।
६) साइकिल चलाते समय मोबाइल का उपयोग ना करें।
७) साइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग ज़रूर करे ।
८) सबसे महत्वपूर्ण साइकिल को ड्राइव करते वक्त आप अपना ध्यान सड़क पर केंद्रित करें।
९) हमेशा अपनी साइकिल की सीमा जैसे गति की जानकारी लें ।४० kmph की गति से ज़्यादा ना चलाए ।
१०) हमें गड्ढो और स्पीड ब्रेकर आदि का विशेष ध्यान देना चाहिए।
११) धूल-धक्कड़ वाले रास्ते मे साइकिल धीरे चलाये दुर्घटना की संभावना कम रहेगी।
१२) ढलान पे साइकिल चलाते समय दोनो ब्रेक का इस्तेमाल करे साइकिल कभी भी आउट ओफ़ कंट्रोल नहीं होनी चाहिए ।
१३) संकेतों का पालन करके आप निश्चित रूप से किसी दुर्घटना से बच सकते हैं।
१४) सबसे आवश्यक है कि हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
१५) निश्चित समय के बाद साइकिल के टायर ज़रूर बदले ।
१६) फ़ोटो या सेल्फ़ी लेते समय साइकिल रोक के रोड छोड़ के साइड में होके ही खीचें।
१७) साइकिल के सीट की ऊँचाई आपकी हाइट के हिसाब से बहुत ज़्यादा ना हो। पैरो की सारी उँगलिया ज़मीन को टच कर सके इसका ध्यान रखे।
१८) सड़क दुर्घटना से बचने का सीधा और सरल तरीका यह है कि हम ज्यादा सजग, सतर्क और अनुशासित बनें।
१९) जहाँ तक सम्भव हो साइक्लिंग सूरज की रोशनी में ही करनी चाहिए।सुबह के वक्त साइक्लिंग ज़्यादा सुरक्षित होती है शाम की तुलना में ।सूर्यास्त के बाद साइक्लिंग करनी होतों फ़्रंट और rear दोनो तरफ़ लाइट लगाना अति आवश्यक है l
याद रखे जैसे सड़क पर ठोकर खा के गिरने से इंसान सड़क पे चलना नहीं छोड़ता, वैसे ही साइकिल का ऐक्सिडेंट अगर हो भी गया तो साइक्लिंग नहीं छोड़ सकते, अगली बार ज़्यादा सतर्क रहेंगे । अपनी गलतियों से सीख लेंगे और लोगों को भी जागरुक करेंगे ।