शहर के मोचिपुरा की घटना, 4 फिट गहरे पानी से भरे गड्ढे से तुरन्त एक युवक ने निकाला बाहर, स्कूल से आ रही थी बालिका, क्षेत्रवासियों व निगम अधिकारी के बीच हो गयी कहासुनी, 150 साल पुराने नाले को किया था बन्द, सीवरेज हुआ फ्लॉप
रतलाम/इंडियामिक्स : शहर में कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश जारी है। इसी बीच 10 वर्षीय बालिका निगम द्वारा खोदे गए पानी से भरे गड्ढे में जा गिरी। यह हादसा मोचिपुरा क्षेत्र का हैं। मौके पर मौजूद एक युवक ने तुरन्त इस घटना को देखा और बच्ची को बाहर निकाला। हादसे को देख रहे लोगो का कहना था कि तेज बारिश में अगर कोई नहीं देखता तो बच्ची के साथ बड़ा हादसा हो जाता। वह जब गड्ढे में गिरी तब उसके केवल हाथ व आँखे ही बाहर दिखाई दे रही थी। घटना लगभग शाम 5 बजे के आसपास की हे, जिसके बाद क्षेत्र में भीड़ लग गयी। लोगो ने बच्ची के पिता को सूचित किया व उसे घर भेज। घटना की सूचना पर निगम स्वास्थ्य अधिकारी ए.पी. सिंह व निगम इंजीनियर जी.के. जायसवाल के साथ स्टेशन रोड़ थाना प्रभारी किशोर पाटनवाला भी मौके पर पहुँच चुके थे। घटना की जानकारी देते हुए खुद बालिका अफसाना पिता राशिद शाह ने बताया कि वह हाथीखाना स्थित शासकीय कन्याशाला स्कूल की कक्षा 6 में पढ़ती है। घर जाते समय तेज बारिश में उसने वाहन से बचने के लिए साइड ली तो उसका पेर गड्ढे में चला गया और वह पूरी तरह पानी मे समा गई। रोड़ पर पानी होने से गड्ढा व रोड़ दोनों छुप गए थे।
इस पूरी घटना ने निगम की लापरवाही को उजागर किया है। अगर देर सवेर हो जाती तो यह बच्ची अपनी जान से हाथ धो बैठती। फिलहाल अब निगम इस पुराने नाले को फिर से पाइप डाल कर चालू करेगा। मौके पर आवागमन को रोकते हुए खुदाई शुरू कर दी गयी है। खोदने पर रोड़ के नीचे 6 फिट का बन्द नाला निकला है जो कि लोगो के अनुसार महाराजा के समय का 150 साल पुराना हो कर कुछ मीटर दूर मुख्य नाले से मिलता है।
निगमकर्मियों व क्षेत्रवासीयो के बीच हुई कहासुनी :-
मौके पर पहुँचे स्वास्थ्य अधिकारी एपी सिंह व वहॉं मौजूद लोगों के बीच जमकर कहासुनी हुई। क्षेत्रवासियों का आरोप था कि यह गड्ढा काफी समय से ऐसे ही खुला पड़ा है। शिकायत करने पर भी किसी ने सुध नही ली। ऐसे में आज एक बच्ची के साथ कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदारी लेता? अधिकारी एपी सिंह भी झल्लाते हुए कह बैठे के अगर किसी को उतारते हैं गड्ढे में तो हमारे कर्मी निलंबित हो जाते हैं, ऐसे में क्या करे ? इसका इशारा कुछ दिनों पहले हुई कर्मचारी को चेम्बर में उतारने की घटना से है।
गड्ढा कैसे हुआ व कब से है समस्या ? :-
क्षेत्रवासियों ने बताया कि यह गड्ढा 6 से 7 माह से बना हुआ है। घटना वाली जगह पर से रोड़ के नीचे नाला था। जिससे पानी सीधे निकल जाता था। मगर सीवरेज में इसको बन्द करके पाइप के माध्यम से चैंबर से जोड़ा गया। जब से जोड़ा है तब से ही यह समस्या है यहाँ चेम्बर नहीं हो कर अस्थायी गढ्डा बन गया है। सीवरेज के चेम्बर में जाम हो जाने से यहाँ पानी निकलता नहीं है और यह गढ्डा खुला पड़ा रहता है। इसकी कई बार शिकायत करने पर भी किसी ने कोई सुध नही ली और आज यह हादसा हो गया।
निगम अब इसे फिर से जोड़ने के लिए रोड़ की खुदाई करके यहाँ पाइप डलवायेगा। जिससे यहाँ का पानी सीधे नाले में मिलेगा। निगम के ऐसा करने से अब सवाल सीवरेज सिस्टम पर उठता है कि क्या सीवरेज इतनी भी कारगर नहीं है की पानी बाहर नहीं हो सके ? करोड़ो के सीवरेज प्रोजेक्ट के बाद भी पुराने नाले को फिर से जिंदा किया जा रहा है।
क्या कहा निगम आयुक्त ने :-
निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया ने पूरे मामले में कहा है कि मौके पर अधिकारियों को भेज कर पंचनामा बनवाया है। यह पुराने समय का नाला है। वहाँ स्थाई व्यवस्था की जाएगी जिससे दोबारा घटना ना हो।