मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में नहीं मिली कोई छूट, 75 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को नहीं भरना होगा टैक्स
कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार
![बजट विश्लेषण : आम लोगों के लिए खास नहीं रहा बजट, राहत की उम्मीदों पर फिरा पानी 1 बजट विश्लेषण : आम लोगों के लिए खास नहीं रहा बजट, राहत की उम्मीदों पर फिरा पानी](https://indiamix.in/wp-content/uploads/2021/02/753205-budget-2021-update.jpg)
बजट 2021 ( इंडिया मिक्स मीडिया नेटवर्क ) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-2022 का आम बजट पेश किया। सरकार ने 2021-2022 के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र के लिहाज से 2,23,846 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखा। इसमें मौजूदा वित्त वर्ष 94,452 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय की तुलना में 137 फीसदी की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। बीते करीब एक साल से कोरोना से जूझ रहे देश के लोगों को सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन मध्य वर्ग के लोगों को इससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, इस बार बजट में स्वास्थ्य और विनिर्माण के क्षेत्र में निवेश के जरिए रोजगार पैदा करने पर जोर दिया गया है। सरकार ने बजट में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। इसके अलावा कई वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.50 रुपए और डीजल पर 4 रुपए का कृषि सेस लगाने का ऐलान किया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह सेस कंपनियों को भरना होगा। लेकिन आशंका यह भी जताई जा रही है कि सेस भरने के दबाव में कंपनियां उपभोक्ताओं से मनमानी कीमत वसूल सकती हैं।
कोरोना काल में आयकर दाताओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी, जोकि पूरी नहीं हुई। मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को न तो टैक्स में छूट दी गई और न ही टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स स्लैब में इस बार कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इससे साफ है कि मध्य वर्ग को पहले की तरह ही टैक्स भरते रहना होगा। हालांकि 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए राहत की बात है कि इस आयु वर्ग के लोगों को आयकर से छूट दी गई है। किसानों के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें डेढ़ गुना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिया गया है जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा।
मोदी सरकार के वर्ष 2020-21 के बजट प्रस्तावों के बाद जो चीजें सस्ती हुई हैं उनमें हैं- बीमा, बिजली, सोना-चांदी, लोहा, तांबा, स्टील उत्पाद और पेंट। इनके अलावा जूते, नायलॉन के सामान, पॉलिस्टर कपड़े, सोलर लालटेन और चमड़े के उत्पाद भी सस्ते हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर जो चीजें अब महंगी हो जाएंगी, उनमें मोबाइल, मोबाइल चार्जर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सूती कपड़े और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।
सरकार ने इस बार के बजट में दो बड़ी घोषणाएं भी कीं, पहली सभी नागरिकों के लिए घर और दूसरी महिला सशक्तीकरण के लिए किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देने की बात कही गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि सबको किफायती दरों पर घर उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए कर्ज की 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर ब्याज पर छूट की योजना भी एक साल तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए सरकार ने विनिवेश से करीब 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 35 हजार करोड़ रुपए कम है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार आम बजट कागज के बजाय टैबलेट पर पढ़ा। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार का बजट कागज पर नहीं छपा है। सभी सांसदों समेत आम जनता के लिए बजट का विवरण डिजिटल रूप में ही उपलब्ध कराया जाएगा।