आधुनिकता की अंधी दौड़ में हमारे स्वार्थ के कारण कई पशु-पक्षी पृथ्वी से विलुप्त हो गए हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। तभी ऐसी ही दुर्लभ प्रजाति में गिना जाने वाला विशाल यूरेशियन गिफ्रोन गिद्ध दाहोद का मेहमान बन गया है.
दाहोद के पास झालोद में एक विशाल पक्षी देखा गया जो थोड़ा बीमार लग रहा था वन विभाग की मदद से दाहोद प्रकृति मित्र मंडल की रेस्क्यू टीम जिसमें साहिद शेख, चिराग तलाती, कादिर, विमल, राहुल और हिमांशु आदि ने उसे बचाया . इस विशाल गिद्ध को बचाने के बाद, वह और दाहोद में ‘अजय देसाई प्रकृति भवन’ के पशु चिकित्सक इसे तैयार कर रहे हैं ताकि यह अपने मूल स्थान पर वापस उड़ सके
इस पक्षी के पंखों का फैलाव लगभग पांच फीट लंबा होता है, प्राप्त जानकारी के अनुसार यूरेशियन गिद्ध के समान दुर्लभ माना जाने वाला यह पक्षी हिमालय बेल्ट में तिब्बत के पठार, भूटान और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है। ऊंचाई पर उड़ने वाला यह गिद्ध कई बार सहजता से उड़ान भरकर दाहोद प्रकृति मित्र मंडल का मेहमान बन चुका है