लंदन : हिन्दू होने के कारण रश्मि सामन्त ने दिया ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, आख़िर क्या है मामला ?

A+A-
Reset

भारत की बेटी ने चूना स्वाभिमान, ऑक्सफ़ोर्ड स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचा था रश्मि ने, हिन्दू पहचान के कारण बनायी गयी निशाना जिसके बाद दिया इस्तीफा, कही यह सब बातें….

लंदन : हिन्दू होने के कारण रश्मि सामन्त ने दिया ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, आख़िर क्या है मामला ?

लंदन IMN, अंतराष्ट्रीय स्तर पर रश्मि सामन्त का मुद्दा गरमाते नज़र आ रहा है। एक शख्सियत रश्मि सामंत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है । यह बात इसलिए बड़ी है क्योंकि भारत के कर्नाटक से आने वाली रश्मि ने हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया था। लेकिन अब अपनी हिंदू पहचान और उपनिवेशवाद विरोधी विचारों को लेकर लगातार रश्मि पर ऑनलाइन निशाना बनाए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।

यह है मामला :-

कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सामंत को निशाना बनाते हुए इन्हें नस्ली और असंवेदनशील बताया गया। इन पोस्टों के जरिए उन्हें नस्लवादी, यहूदी विरोधी, इस्लामोफोबिक, ट्रांसफ़ोबिक बताने की कोशिश की गई। यहाँ तक कि उनके हिंदू होने को लेकर भी निशाना साधा गया। सामंत को 11 फरवरी को अध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित पद के लिए चुना गया था, लेकिन ऑनलाइन आलोचना और दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

दरअसल रश्मि सामंत ने 2017 में जर्मनी में बर्लिन होलोकास्ट मेमोरियल की यात्रा के दौरान एक पोस्ट में कुछ तस्‍वीरें डाली थी, जिसमें वह मलेशिया के बुद्ध मंदिर के बाहर खड़ी हैं। इसके कैप्‍शन में उन्‍होंने लिखा था- चिंग चांग।
ऑक्सफोर्ड द्वारा प्रकाशित होने वाले एक साप्ताहिक स्टूडेंट अखबार ‘चेरवेल’ द्वारा इस खबर को प्रकाशित करने के बाद यह विवाद गहरा गया।
एक अन्य कैप्शन में, रश्मि ने एक छात्र संघ अध्यक्षीय डिबेट में केप कॉलोनी के पूर्व प्रधानमंत्री (वर्तमान दक्षिण अफ्रीका) सेसिल रोड्स और एडॉल्फ हिटलर के बीच तुलना भी की थी।

इसके अलावा, ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन के अभियान ने नस्लीय जागरूकता और समानता (CRAE) के लिए और ऑक्सफोर्ड SU LGBTQ अभियान ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति-चुनाव के लिए सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना की।

इन सभी आरोपों के अलावा, रश्मि को एक समर्पित हिंदू होने के लिए भी निशाना बनाया गया था। ऑक्सफोर्ड के एक फैकल्टी मेंबर ने रश्मि के माता-पिता को विवाद में घसीटते हुए एक पोस्ट किया,
जिसमें उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर भगवान श्री राम की तस्वीर दिखाने के लिए हमला करते हुए आरोप लगाया गया कि- रश्मि के छात्र परिषद चुनावों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

इस अपमानजनक पोस्ट में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सदस्य ने रश्मि पर इस्लामोफोबिक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह तटीय कर्नाटक से आई है, जिसे फैकल्टी सदस्य ने ‘इस्लामोफोबिक सुदूर ताकतों का गढ़’ कहा। प्रोफेसर ने डिकोलोनाइजेशन पर विचारों के लिए भी सामंत पर हमला किया और ऐसा करने के लिए, कई पश्चिमी लोगों के बीच प्रचलित हिंदू संस्कृति और परंपराओं की विकृत समझ का प्रदर्शन किया।

रश्मि ने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कर्नाटक के उडुपी जिले में अपने घर लौट आईं। इससे पहले रश्मि सामंत ने ओपन लेटर लिखकर सोशल मीडिया पर अपने इस्‍तीफे की घोषणा की। अपने पत्र में, रश्मि ने ऑक्सफोर्ड में छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में चुने जाने को अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया।

उन्होंने अपने हिंदू होने और सोशल मीडिया पोस्टों के लिए परेशान किए जाने के बारे में भी बात की। रश्मि विशेष रूप से एक फैकल्टी सदस्य द्वारा अपने माता-पिता पर किए गए अनुचित हमले और सार्वजनिक तौर पर उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान करने से आहत थीं।

क्या कहा भारत की इस बेटी ने :-

रश्मि ने कहा, “यह सच कि मैं हिंदू हूँ। यह मुझे ऑक्सफोर्ड SU का अध्यक्ष बनने के लिए असहिष्णु या अनफिट नहीं बनाता है। इसके विपरीत, मैं वास्तविक अर्थों में विविधता के मूल्य को समझती हूँ, हालाँकि विकसित दुनिया की पेचीदगियों के लिए मेरा संपर्क सीमित है।”

आगे उन्होंने कहा, “मैंने अपने कदम पीछे खींचे, क्योंकि मेरे संस्कारों ने मुझे ‘संवेदनशील’ होना सिखाया। उन लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील, जिन्होंने मुझ पर अपना विश्वास दिखाया, मैं अपने उन विचारों के लिए संवेदनशील हूँ कि मुझे मनुष्यों का सम्मान करना है और और छात्र समुदाय के कल्याण के लिए संवेदनशील हूँ, जो एक कामकाजी एसयू के हकदार हैं और व्यक्तिगत स्तर पर, साइबरबुलिंग के उन प्रभावों के प्रति संवेदनशील हूँ जो ‘संवेदनशीलता’ के नाम पर मेरे खिलाफ टारगेट किया।”

चैनल इंडिया अहेड न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, सामंत ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि उनके द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट 5 साल पहले किए गए थे, जब वह किशोरी थी और मुद्दों के बारे में अपनी प्रतिबद्धता नहीं बनाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा दिए गए कैप्शन दूसरों को चोट पहुँचाने के इरादे से नहीं दिए गए थे।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक फैकल्टी सदस्य द्वारा विवाद में घसीटे जाने के बारे में पूछे जाने पर सामंत ने कहा कि हिंदू होना और ‘जय श्रीराम’ कहना अपराध नहीं है और वह इस बात से हैरान थी कि पद से इस्तीफा देने के लिए उन पर दबाव बनाने के लिए उनके माता-पिता की धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्तियों का खुले तौर पर अपमान किया गया

Rating
5/5

ये खबरे भी देखे

 

इंडिया मिक्स मीडिया नेटवर्क २०१८ से अपने वेब पोर्टल (www.indiamix.in )  के माध्यम से अपने पाठको तक प्रदेश के साथ देश दुनिया की खबरे पहुंचा रहा है. आगे भी आपके विश्वास के साथ आपकी सेवा करते रहेंगे

Registration 

RNI : MPHIN/2021/79988

MSME : UDYAM-MP-37-0000684

मुकेश धभाई

संपादक, इंडियामिक्स मीडिया नेटवर्क संपर्क : +91-8989821010

©2018-2023 IndiaMIX Media Network. All Right Reserved. Designed and Developed by Mukesh Dhabhai

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00