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रतलाम : श्रीकालिका माता मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के पूर्व पशु चिकित्सालय भवन को हटाया जाए : डागा

श्री कालिका माता मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के पूर्व पशु चिकित्सालय भवन को हटाया जाए: डागा

रतलाम : श्रीकालिका माता मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के पूर्व पशु चिकित्सालय भवन को हटाया जाए : डागा

रतलाम/इंडियामिक्स श्रीकालिका माता मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जाए। इसके पूर्व परिसर से लगे पशु चिकित्सालय भवन को हटाया जाना आवश्यक है।

यह सुझाव भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने जिला प्रशासन को दिया है। जारी बयान में शैलेन्द्र डागा ने कहा कि श्री कालिका माता मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण प्रस्तावित है, लेकिन इसके पूर्व अन्य बातों पर ध्यान दिया जाना भी आवश्यक है। मंदिर परिसर से लगे पशु चिकित्सालय भवन को हटाया जाना चाहिए। पशु चिकित्सालय पहले ही अन्य स्थानांतरित हो चुका है। वहां सिर्फ कार्यालय भवन शेष है, वह भी जर्जर हो चुका है।

ऐसे में यदि इन भवनों को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाता है तो लगभग 50 हजार स्क्वायर फीट से अधिक जमीन वहां मौजूद है। शैलेन्द्र डागा ने जारी बयान में कहा कि उनके महापौर कार्यकाल में पशु चिकित्सालय भवन को स्थानांतरित कर वहां फूड जोन बनाने का प्रस्ताव लाया गया था, बजट में भवन को स्थानांतरित करने के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया था। तत्कालीन पशु चिकित्सा मंत्री अजय विश्नोई ने उस समय रतलाम दौरे मैं मौके का निरीक्षण भी किया था।

शैलेन्द्र डागा ने कहा कि श्रीकालिका माता मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। शहर में परिवार के साथ घूमने- फिरने के लिए भी वह एकमात्र और प्रमुख जगह है। वर्ष भर में भी यहां कई धार्मिक गतिविधियां होती है और नवरात्रि में बड़ा मेला भी लगता है। शहर के विस्तार के साथ मेले में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में परिसर का विस्तार करना भी जरूरी है। यदि मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण होता है तो पशु चिकित्सालय भवन के स्थान पर फूड जोन स्थापित किया जा सकता है और कोर्ट चौराहे की ओर से एक सीधा वैकल्पिक मार्ग भी मंदिर की ओर दिया जा सकता है। श्रीकालिका माता मंदिर परिसर में लगी दुकानें भी पशु चिकित्सालय भवन की ओर शिफ्ट की जा सकती है।

शैलेन्द्र डागा ने कहा कि श्रीकालिका माता मंदिर परिसर के पास यह जमीन उजाड़ और वीरान पड़ी है और जो भवन यहां मौजूद है वह भी जर्जर हो चुके हैं। समय रहते इस ओर ध्यान देना जरूरी है। पशु चिकित्सालय भवन की जगह के उपयोग के लिए प्रशासन को योजना बनाकर कार्य करना चाहिए

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