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उज्जैन : पढाई – लिखाई, योग्यता के बाद भी रोजगार को तरसते बेरोजगार दिव्यांग

उज्जैन जिले के अंदर दिव्यांग करते हैं पढ़ाई अपने सपनों को साकार करने के लिए पर बरसो वर्ष तक पढ़ाई कर डिग्री डिप्लोमा हासिल करने के बाद भी नहीं मिल रही शिक्षित दिव्यांग जनों को नौकरी अब शिक्षित युवा दिव्यांग बेटे को मां पिता दे रहे हैं पॉकेट खर्च

उज्जैन : पढाई - लिखाई, योग्यता के बाद भी रोजगार को तरसते बेरोजगार दिव्यांग

उज्जैन (IMN) : सजे हुए मंच पर नेताओं को उद्बोधन देते हुए और भाषण देते हुए देखा जा सकता है कि हम मिटायेंगे बेरोजगारी हम करेंगे बेरोजगारी खत्म युवा आम नागरिकों की मदद हम करेंगे हरदम इस प्रकार के कई लच्छेदार भाषण सजे हुए मंच ऊपर से नेताओं को देते हुए देखा जा सकता है पर जमीनी हकीकत में तस्वीर कुछ दूसरी ही दिखाई देती है उज्जैन जिले के अंदर ऐसे कई दिव्यांग छात्र हैं जिन्होंने दिन रात एक कर के पढ़ाई की डिग्रियां हासिल की और डिप्लोमा हासिल किया पर बरसों वर्ष तक पढ़ाई करने के बाद भी इन दिव्यांग छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही रोजगार नहीं मिल रहा और यह पढ़ लिखकर डिग्री हासिल कर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं यह अपना दर्द अपनी परेशानी अपनी मायूसी किसी को बता भी नहीं सकते हैं और बहुत कुछ तमन्ना ख्वाहिश इनके दिल में है नौकरी कर अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने की इच्छा है पर नौकरी काम नहीं मिल रहा है और बेरोजगार होकर यह छात्र परेशान हो रहे हैं नौकरियों की तलाश में और इन पढ़े लिखे छात्रों को माता-पिता दे रहे हैं पॉकेट खर्च ताकि हमारी आंखों का तारा हमारा बेटा अपने आप को हताश और मायूस ना समझे पर पढ़ा लिखा शिक्षित युवा परेशान है और रोजगार नौकरी मांग रहा है.

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