भाजपा शासन में रतलाम में विकास के नाम पर जनता का पैसा बर्बाद कर घटिया सड़को का निर्माण, जिम्मेदार जनप्रतिधि मुँह में दही जमाकर बैठे

रतलाम/इंडियामिक्स न्यूज़ रतलाम में विकास के कार्यो का बहुमान बटोर कर बैठे जनप्रतिनिधियों को भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने आईना दिखा दिया । नगर में बन रही सीमेंट कॉन्क्रीट की सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व गृहमंत्री निगम कमिश्नर के दफ्तर जा पहुंचे । भाजपा के वरिष्ठ नेता कोठारी ने कहा कि सड़को की खस्ता हालत को लेकर दो माह पूर्व भी मैंने आकर शिकायत की थी मगर निगम ने कोई ठोस कार्यवाही नही की । मैं यहां कोई पब्लिसिटी के लिए नही आया हु बल्कि जनता को हो रही परेशानियों से अवगत कराने आया हु । मुझे कोई चुनाव नही लड़ना है । जनता का पैसा लग रहा है तो इसका सदुपयोग होना चाहिए । इस बार अगर कोई ठोस कार्यवाही नही होती है तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा ।
शहर में बन रही सड़के समय से पहले ही उखड़ रही है । गिट्टी आदि निकालकर दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है । वैसे सीमेंट कॉन्क्रीट की सड़के डामर से बनी सड़को से ज्यादा समय तक रहती है मगर हालात ये है कि कुछ सड़के तो 1 से 2 वर्ष में ही उखड़ रही है । इसी को लेकर 2 माह पूर्व भी हिम्मत कोठारी अपने समर्थकों के साथ निगम में शिकायत कर चुके है । लेकिन निगम ने सड़को की गुणवत्ता को लेकर ठेकेदारों पर कोई ठोस कार्यवाही नही की ।
जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया
हिम्मत कोठारी ने कहा कि जनप्रतिधि भी अपना कार्य ठीक से नही कर पा रहे । हर पार्षद उद्धघाटन नेताओ के साथ फ़ोटो छप जाए इसी कोशिश में रहता है जबकि सड़को के निर्माण पर पार्षदों के दयित्व है कि गुणवत्ता पर भी ध्यान दे । सब इंजीनियर भी अपना कार्य ठीक से नही कर रहे है ये उनका कार्य है कि सडके अपने तय मापदंड और क्वालिटी से बने ।
शहर विधायक और महापौर के विकास की पोल खोलता भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी की शिकायत चर्चा में है । शहर के विकास के कई मॉडल बनाकर इवेंट कर चुके जनप्रतिनिधियों के मुंह पर एक करारा तमाचा है ये घटना जब सत्ता पक्ष के वरिष्ठ नेता इतने मजबुर हो जाये कि उन्हें जनता के लिए अनशन की चेतावनी देनी पड़ जाए । रतलाम शहर को पार्षद, महापौर, विधायक , कैबिनेट मंत्री और संसद तक सत्ता पक्ष के मिले मगर आज भी पूरा शहर विकास के सपने देखकर, हक़ीक़त में टुटी फूटी सड़को पर रेंग रहा है । पीने का पानी हो या चलने को सड़क या जीने के लिए रोजगार हर चीज़ के लिए संघर्ष करने को मजबूर है । शुक्ष्म और लघु उद्योग मंत्री भी शहर के है मगर एक उद्योग रतलाम को नही मिल पा रहा है जबकि पास में ही धार जिले की बदनावर तहसील है जहां पर कई उद्योग पिछले वर्षों में आये है ।
खैर जनता विचारधारा पर वोट करे तो ऐसे जनप्रतिधि मिल जाते है और अगर व्यक्ति देखकर वोट करे तो विचारधारा से समझौता करना पड़ता है । जबकि वोट आपको विकास कार्यो को देखकर करना चाहिए । रतलाम शहर में आप कही भी जाये हर जगह खुदा ही खुदा नज़र आएगा । यही बहुमान का विकास है । विकास दायित्वों से होना चाहिए, बहुमान से अहंकार का विकास होता है । मंत्रीजी के यहां तो पत्रकारों की भी जांच होती है फिर उनकी रिपोर्टिंग के आधार पर उनका 3 लेयर वेरिफिकेशन होता है तब कही जाकर मंत्री जी के विभाग की खबरे प्रकाशित करने हेतु भेजी जाती है । खैर उनके 3 लेयर पीए उन्हें जनता और उनकी आवाज़ से बहुत दूर कर चुके है ।