प्रशासक व कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने निगम अधिकारियों को समझाया स्वछत्ता मॉडल, श्री कुमार ने कहा- सफाई व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के साथ निगम का राजस्व बढ़ायें, निगम अधिकारियों की बैठक में सफाई को लेकर सख़्त निर्देश, सफाई ना होने पर कारण बताओ नोटिस

रतलाम/इंडियामिक्स : शहर में स्वछत्ता के नाम पर बड़े-बड़े दिखावटी कार्य किए जाते रहे हैं और हो भी रहे हैं। मग़र इन सबसे अलग धरातल पर स्थितियां कुछ ओर ही नजर आती है। शहर का हाल बेहाल सीवरेज ने कर रखा है जहाँ चारो तरफ सड़के बनकर फिर उखाड़ दी जाती है वहीं 15 मिनट की लगातार बारिश में यह सीवरेज सड़को को नदियों में बदल देता है। इसके बाद सड़को पर फैला कचरा जो कि निगम की उदासीनता के चलते अधर में ही पड़ा रहता है। मुख्य मार्गो को चकाचक करके जिम्मेदार अपने आप को ईमानदारी का सर्टिफिकेट खुद ही दे देते है। सफाईकर्मियों की मनमानी इस वक्त शहर में चरम पर हैं। सफाई दरोगा का रुतबा भी पुलिस दरोगा से कम नहीं होता है। इनमे निगम के अधिकारी भी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। आखिर आम आदमी शिक़ायत करे तो करे कहाँ? यह बन्दरबाँट तब से अब तक चले आ रही है। आये दिन सफाई व आदि मुद्दों से सुर्खियों में रहने वाला निगम केवल आँकड़ो में सब कुछ सामान्य बताने में लगा रहता है। इन अधिकारियों व कर्मचारियों में आज तक की निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया द्वारा नोटिस व वेतन काटने की कार्यवाही से कोई फर्क शायद ही पड़ा हो। निगम आयुक्त के निर्देश व फ़टकार को यूँही हवा कर दिया जाता है।
बहरहाल प्रशासक व कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा ली गई कल की बैठक ने कुछ सकारात्मक संकेत शहर की स्वछत्ता के लिए दिए है। श्री कुमार पुरुषोत्तम जब से रतलाम आये हैं तब से हर क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हैं। कुमार की सबसे बड़ी उपलब्धि रतलाम में कोरोना के बढ़ते केस पर कंट्रोल करना है। जिसके बाद बेक टू बेक उनके निर्णय शहर हित मे रहे हैं। आपको बता दे की कलेक्टर के रूप में कुमार पुरुषोत्तम की गुना के बाद यह दूसरी पदस्थापना है। गुना से पूर्व कुमार पुरूषोत्तम औद्योगिक केंद्र विकास निगम इंदौर के प्रबंध संचालक के साथ ही इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) भी थे। यह वही समय था जब से अब तक लगातार इंदौर स्वछत्ता में चौके मार रहा है। रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम भी उसी टीम का हिस्सा है जिसने इंदौर को इस पायदान तक पहुँचाया है। यह बात भी महत्वपूर्ण है की मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी कुमार के कार्यो से बड़े प्रभावित रहते हैं। रतलाम में कुमार जैसे अधिकारी का आना शहर का भाग्योदय माना जा सकता हैं। कुमार पुरुषोत्तम की कार्यशैली एक्शन वाली रहती है। इंदौर के औद्योगिक व शहरी विकास में कुमार पुरुषोत्तम के मॉडल व मैनेजमेंट को सराहा जाता है। अब देखना यह होगा की क्या निगम पर प्रशासक के निर्देशों का कोई असर पड़ता है या नहीं? इसके बाद भी अगर हाल, बेहाल रहे तो क्या होगा आगे “एक्शन”?
समझाया अपना स्वछत्ता मॉडल :-
इंदौर की तर्ज पर ही नगर को स्वच्छ व सुन्दर बनाये जाने तथा नगर निगम की आय में वृद्धि किये जाने हेतु कलेक्टर श्री कुमार पुरूषोत्तम ने निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया के साथ निगम अधिकारीयो व कर्मचारियों की बैठक लेकर वर्तमान में सफाई कार्य व निगम की अचल संपत्तियों की जानकारी लेकर सफाई व्यवस्था को ओर अधिक सुदृढ़ बनाये जाने व निगम की अचल संपत्तियों के विक्रय की कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री पुरूषोत्तम ने सर्वप्रथम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की बैठक लेकर वर्तमान में किये जा रहे सफाई कार्य की जानकारी लेकर एक सप्ताह में ओर अधिक सुधार लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि शहर में कचरा तब दिखाई देता है जब 100 प्रतिशत कचरे का संग्रहण नहीं हो रहा होता है इसलिये नगर के सभी घरो से 100 प्रतिशत कचरा संग्रहण किया जाये।
उन्होने बैठक में निर्देशित किया नगर में ऐसे नागरिक व दुकानदार जो कि खुले में कचरा डालकर शहर को गंदा करते है उन पर स्पॉट फाईन की कार्यवाही स्पॉट फाईन दल के अलावा झोन प्रभारी भी करेंगे।
कर्मचारियों की कामचोरी पकड़ी, दिए सख्त निर्देश :-
कलेक्टर श्री पुरूषोत्तम ने निर्देशित किया कि हरमाला रोड क्षेत्र में फल-फ्रुट के थोक विक्रेता अधिक है तथा वहां कचरा भी अधिक मात्रा में निकलता है, कचरा संग्रहण कार्य के लिये बडा वाहन लगाया जाये इसके पश्चात भी खुले में या नाले नालियों में कचरा पाया जाता है तो उन पर बड़े जुर्माने की कार्यवाही की जाये साथ ही ऐसे संस्थान जहां कचरा अधिक मात्रा में निकलता है उन संस्थानों यूजर्स चार्जेस लिया जाये।
बैठक में उन्होने निर्देशित किया कि व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रातः सफाई कार्य पश्चात दुसरी शिफ्ट में सफाई का कार्य ना कराते हुए रात्री में सफाई का कार्य कराया जाये। रात्रिकालीन सफाई में महिला कर्मचारी को छोड़कर पुरूष कर्मचारी 20-20 लगाकर सफाई का कार्य किया जाये व निकलने वाले कचरे के संग्रहण के लिये चारो झोन में 2-2 कचरा संग्रहण वाहन भी लगायें। इसके अलावा मुख्य मार्गो की रात्री में भी सफाई कराये जाने के निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि प्रातः कालीन शिफ्ट में सफाई का कार्य होता है किन्तु दोपहर की शिफ्ट में अधिकांश कर्मचारी अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित रहते है नौकरी में कम से कम 8 घन्टे काम करना अनिवार्य होता है। दोपहर की शिफ्ट में कर्मचारी कार्य नहीं करता है तो उसका आधे दिवस का वेतन काटा जाये इसके बाद भी वह लगातार अनुपस्थित रहता है तो उसके निलबंन/बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाये।
वार्डो में पर्याप्त सफाई कार्य नहीं होने पर उन्होने निर्देशित किया कि सुपरविजन हेतु नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाये क्योंकि किसी भी कार्य का सुपरविजन नियमित व सही ढंग से होगा तो वह कार्य सही से होगा।
निगम की अचल संपत्तियों का ब्यौरा मांगा :-
सफाई कार्य की बैठक के पश्चात कलेक्टर श्री पुरूषोत्तम ने नगर निगम के राजस्व विभाग व विकास शाखा के अधिकारी एवं कर्मचारियों की बैठक लेकर निगम की विक्रय योग्य अचल संपत्तियों की जानकारी प्राप्त कर संपत्ति विक्रय की कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बैठक में कलेक्टर श्री पुरूषोत्तम को निगम आयुक्त श्री झारिया द्वारा राजीव गांधी सिविक सेंटर की 121 संपत्ति, सुभाष शापिंग काम्पलेक्स की 94 दुकानें, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी बस स्टैण्ड की दुकान/हॉल/छत, देवरा देव नारायण नगर के 16 फ्लेट, टीआईटी रोड पर रोडवेज को लीज पर दी गई भूमि, अमृत सागर में अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि, अर्जून नगर कॉलोनी में अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि, पांजरा पोल की दुकानें व नित्यानन्द मार्केट की दुकानो के बारे में जानकारी दिये जाने पर उन्होने निर्देशित किया कि विक्रय योग्य संपत्तियों के विक्रय किये जाने हेतु निविदा जारी किये जाने की कार्यवाही किये जाने के साथ ही अवैध कब्जे वाली दुकानों को अवैध कब्जे से मुक्त कराये जाने के निर्देश दिये।
इसके अलावा बैठक में निगम आयुक्त श्री झारिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डोसीगांव में निर्मित एलआईजी फ्लेट व दुकानें, मुखर्जी नगर में निर्मित एमआईजी फ्लेट के ऑनलाईन विक्रय के संबंध में जारी की गई निविदा की जानकारी बैठक में दी।
आयोजित बैठक में उपायुक्त विकास सोलंकी, सहायक आयुक्त श्रीमती ज्योति सुनारिया, कार्यपालन यंत्री सर्वश्री सुरेशचन्द्र व्यास, जी.के. जायसवाल, मोहम्मद हनीफ शेख, एम.के. जैन, सत्यप्रकाश आचार्य, सहायक यंत्री श्री श्याम सोनी, निगम सचिव श्री जसवंत जोशी, उपयंत्री सर्वश्री मनीष तिवारी, राजेश पाटीदार, विकास मरकाम, स्वास्थ्य अधिकारी ए.पी. सिंह, कार्यालय अधीक्षक रामचन्द्र शर्मा, झोन प्रभारी पर्वत हाड़े, किरण चौहान, विनय चौहान, विराट मेहरा आदि उपस्थित थे।