चेतन कश्यप को विकास पुरुष का तमगा मिला और जनता को मिली हर तरफ दिक्कतों की भरमार, रतलाम शहर में जनता की परेशानिया और बढ़ी
रतलाम/इंडियामिक्स मोहन यादव की सरकार को बने हुए लगभग 1 वर्ष हो गया हैं. पहली केबिनेट में रतलाम को बड़ी सौगात मिली रतलाम शहर विधायक चेतन कश्यप को केबिनेट में सूक्ष्म और लघु उद्योग मंत्री के तौर जगह दी गयी. लेकिन एक साल बाद अब रतलाम शहर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं क्यों की इस एक वर्ष में रतलाम को सिर्फ बड़े बड़े वादे और बहुमान देखने के अलावा कुछ नही मिला.
इंडस्ट्रियल पार्क के नाम आवंटित जमीन पर आदिवासियों का विरोध देखने को मिला. नमकीन क्लस्टर की हालत खस्ता हैं और साडी क्लस्टर का अस्तित्व फिलहाल नज़र नही आता और गोल्ड काम्प्लेक्स अपने तय समय में बन पायेगा इसमें भी संदेह नज़र आता हैं. ट्रांसपोर्ट नगर का नामकरण हुआ. इन सब घोषनाओ में सिर्फ एक ही चीज़ सफलता पूर्वक की गयी थी और वो हैं विधायक और मंत्री चेतन कश्यप की इमेज को चमकाना, बहुमान करना. किसी भी योजना को रतलाम में लागू करने की घोषणा से पुरे शहर को पोस्टरों से भर कर ऐसा जताना जैसे रतलाम को इंदौर बना दिया गया हैं जबकि स्तिथि इससे उलट नज़र आती हैं.
ट्रैफिक व्यवस्था और सड़को की स्थिति दयनीय
शहर में आप कही भी जाए हर जगह स्थितिया बद से बदत्तर बनती जा रही हैं सगोद रोड पर रेलवे ब्रिज पर ट्राफीक की लम्बी कतारे और उड़ती धुल शहर के विकास के दावे अपने साथ ले जाती हैं, जबकि ये क्षेत्र जैन समाज के तीर्थ के रूप में जाना जाता हैं.
सुभाष नगर ब्रिज सालो से बन ही रहा हैं और मार्ग का सारा ट्रैफिक डोंगरे नगर से सगोद रोड के रस्ते रेलवे ब्रिज ( सगोद रोड ) पर डाइवर्ट कर दिया गया हैं. इससे हालात और ख़राब हो गए हैं.
जवाहर नगर की मेन रोड बन कर फिर उखड रही हैं, हर नई सड़क प्रॉपर प्लानिंग न होने की वजह से फिर खोदी जा रही हैं जनता के टैक्स के करोडो रुपये बर्बाद हो रहे हैं मगर कोई जिम्मेदार इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नही बल्कि हर जिम्मेदार के पास कुछ तर्क हैं की ये कैसे हुआ.
मेडिकल कॉलेज में अभी तक गंभीर रोगों का इलाज नही
मेडिकल कॉलेज में आज भी मरीजो को रेफर कर बाहर भेजा जा रहा हैं क्योकि जिन वादों और इवेंट के साथ मेडिकल कॉलेज का शुभारम्भ हुआ था वो अभी तक अस्तित्व में नही हैं. पूरा शहर एक इवेंट कंपनी के इवेंट की तरह खुले मैदान में 5 सितारा होटल की तरह चमक रहा हैं जिस दिन इवेंट ख़त्म होता हैं हकीक़त में उस मैदान से सिर्फ धुल ही उड़ती नज़र आएगी.
रिंग रोड भी अपने आदर्श मापदंडो पर खरा नही उतरता
रिंग रोड को लेकर भी मंत्री महोदय का बहुत बहुमान हुआ और इसे शहर के लिए लाइफ लाइन बनाने के दावे भी हुए मगर आप इस रिंग रोड पर सफर करने निकलेंगे तो आप पायेगे इसमें कई जगह अंधे मौड़ बना दिए गए हैं भविष्य में इन स्थानों पर दुर्घटना की संभावनाए रहेगी. रिंग रोड में इतने मौड़ दे दिए गए हैं जिससे की ये आदर्श रिंग रोड नही बन पायी. पता नही किसे फायदा पहुँचाने के लिए इतने मौड़ स्वीकृत किये गए लेकिन ये तय हैं की ये अंधे मौड़ नही होने चाहिए थे.
बड़े बड़े इवेंट के शौर में दब जाती हैं विकास की आवाज़
शहर विधायक द्वारा हर कार्यक्रम को बड़ा इवेंट बनाकर इस तरह प्रस्तुत किया जाता हैं की शहर में विकास की नदिया बह रही हैं. आज शहर में पिने के पानी के लिए भी लोगो को समिति बना कर अपनी व्यवस्था करनी पड़ रही हैं जिम्मेदार लोग जब जनता को पिने का पानी नही दे पा रहे हैं तब विधायक और महापौर अपने बड़े बड़े सपने गरीब की आँखों में डाल कर उन्हें विकास दिखा रहे हैं.
कुछ कार्य महापोर के हैं लेकिन सभी कार्यो का क्रेडिट जब मंत्री जी किसी न किसी म्मध्यम से लेने की कोशिश करते ही हैं तब पुरे शहर की दिक्कतों की जिम्मेदारी भी उन्हें ही उठानी पड़ेगी.
आगे हम आपको रतलाम की वो तस्वीर दिखायेगे जो इन इवेंट के शौर में दब गयी हैं – इंडियामिक्स न्यूज़