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बिशप कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस का बयान: ईसाई मजहब को देश से मिटाया नहीं जा सकता

बिशप कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने के लिए प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ने को कहा

बिशप कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस का बयान: ईसाई मजहब को देश से मिटाया नहीं जा सकता
बिशप कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस का बयान: ईसाई मजहब को देश से मिटाया नहीं जा सकता 2

इंडियामिक्स:  मणिपुर में मैतेई और कुकी आदिवासी समुदाय  के बीच झड़पों के कारण पिछले दो महीने से अधिक समय से राज्य में बने अशांति के माहौल में, केरल के कैथोलिक काउंसिल बिशप के कार्डिनल अध्यक्ष कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस (के सीबीसी) ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे भारत से ईसाई धर्म को मिटा सकते हैं। क्लेमिस ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में तुरंत शांति बहाल करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने को कहा। आर्क विशप ने कहा ‘पीएम मोदी के लिए यह दुनिया को संदेश देने का सबसे अच्छा मौका है कि भारत में लोकतंत्र कायम है’।

आर्क विशप का कहना है कि “”जो सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए जानी जाती है वह मणिपुर में चल रहे दंगों को नियंत्रित करने में सक्षम क्यों नहीं है।”

आर्क बिशप ने कहा “हमारे संविधान में लिखा धर्मनिरपेक्षता कोई सजावटी शब्द नहीं है, बल्कि एक अधिनियमित दर्शन है। हमारा महान संविधान ,जो किसी भी धर्म को मानने और आचरण करने का अधिकार देता है, उसे छुपाया क्यों जा रहा है।” ऑप इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साइरो-मलंकारा कैथोलिक चर्च के आर्कबिशप क्लेमिस (Cardinal Mar Baselios Cleemis) ने रविवार (9 जुलाई 2023) को केरल में एर्नाकुलम जिले कि मूवत्तुपुझा सीट से  कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालदान द्वारा आयोजित भूख हड़ताल में यह बातें कही।

रिपोर्टों के अनुसार KCBC ने बयान जारी कर वर्तमान समय को समान नागरिक संहिता के लिए अनुपयुक्त बताया है, उन्हें चिन्ता है की UCC के उनकी मजहबी स्वतंत्रता और पारम्परिक प्रथाओं पर अंकुश लग सकता है। सरकार को UCC लागू करने से पहले लगभग 9% भारत के ईसाईयों की चिन्ताओं का निराकरण करना चाहिए। KCBC के उप महासचिव फादर जैकब पालक्कपिल्ली का कहना है कि अल्संख्यक समुदायों की स्वतंत्रता और परम्पराओं की रक्षा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। 

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मेइती समुदाय अपने लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जा देने की माँग कर रहा है। इस माँग को लेकर उसने 3 मई 2023 को आदिवासी आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था। इसके बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी।

आदिवासी कुकी और मेइती समुदाय आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इस हिंसा में अब तक लगभग 125 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हिंसा को देखते हुए हजारों परिवार अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।

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