सावन सोमवार विशेष : नरसिंहपुर जिले के जबेश्वर महादेव जो मोटे महादेव के नाम से जिले में प्रसिद्ध हैं

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नरसिंहपुर से इंडियामिक्स न्यूज़ के लिए आशीष साहू की खास रिपोर्ट

सावन सोमवार विशेष : नरसिंहपुर जिले के जबेश्वर महादेव जो मोटे महादेव के नाम से जिले में प्रसिद्ध हैं

नरसिंहपुर इंडियामिक्स न्यूज़ जिले के जबेश्वर महादेव जो मोटे महादेव के नाम से जिले में प्रसिद्ध हैं आखिर मोटे महादेव कहां से आए और किसके द्वारा लाए गए एवं किस गांव में लाए और महादेव के नाम से गांव का नाम पड़ा देखिए यह हमारी स्पेशल रिपोर्ट में…..

नरसिंहपुर जिले से महज 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा तट पर महादेव पिपरिया के नाम से गांव के मालगुजार धुरंधर चौधरी को भगवान भोले बाबा का स्वप्न आया और यह शिवलिंग वह लेकर आए थे एवं यहां पर स्थापना कराई गई थी जिसके बाद उस शिवलिंग को अंग्रेजों द्वारा मांगी गई उन अंग्रेजों का कहना था कि इस शिवलिंग को आप हमें कितने पैसे में दोगे क्योंकि इस मूर्ति में मणि है लेकिन मालगुजार एवं उनके पूर्व जनों द्वारा उन अंग्रेजों को यह शिवलिंग प्रतिमा नहीं दी गई इस तरह से इस गांव में पहुंची मोटे बाबा महादेव की शिवलिंग प्रतिमा के नाम से यह गांव का नाम महादेव पिपरिया पड़ा और यहां मोटे महादेव बाबा की शिवलिंग प्रतिमा स्थापित कर दी गई

वही बाबा भोले नाथ जबेश्वर मोटे महादेव कि इस महिमा के बारे में यहां पर तीन पीढ़ियों से चले आ रहे गुरु जी से बात की गई तो उन्होंने बताया की मोटे महादेव हिनोतिया जंगल से हमारे ग्राम मालगुजार द्वारा लाए गए और इनकी स्थापना की गई और हमारी तीन पीढ़ियों द्वारा यहां पर पूजा अर्चना पाठ की जाती है एवं इस शिवलिंग प्रतिमा की विशेषता भगवान की शिवलिंग प्रतिमा अपने आप रहस्यमय तरीके से वह बड़ी होने लगी और यह मूर्ति अभी भी हर वर्ष 1 इंच बढ़ जाती है अभी भोले बाबा की यह शिवलिंग की प्रतिमा साडे 4 फुट की ऊंचाई साडे 11 फुट लंबाई है अभी भी यह शिवलिंग की प्रतिमा बढ़ रही है ।

वाइट -जबेश्वर मोटे महादेव मंदिर के पुजारी

यहां पर हर वर्ष बसंत पंचमी में भगवान भोलेनाथ के वस्त्र के हिसाब से शिवलिंग प्रतिमा की लंबाई चौड़ाई का आकलन किया जाता है जो हर वर्ष वस्त्र बड़े बनवा कर भगवान भोले बाबा को चढ़ाए जाते हैं यहां पर हर आने वाले भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है यहां हर वर्ष बसंत पंचमी को 5 दिन का मेला एवं शिवरात्रि को 1 दिन का मेला जाबेश्वर महादेव मां नर्मदा तट के पास विराजे मोटे महादेव पर लगता है यहां तक की यहां तीन पीढ़ियों से पूजन अर्चन करते चले आ रहे गुरु जी का कहना है कि लोगों द्वारा कहा जाता है मोटे महादेव की शिवलिंग प्रतिमा के ऊपर पर खील ठोकने से प्रतिमा का बढ़ना बंद हो गया है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हालांकि मोटे महादेव की शिवलिंग के ऊपर एक छोटा सा कुंड जरूर बना हुआ है लेकिन यह प्रतिमा हर वर्ष 1 इंच जरूर बढ़ती है

वही इस कोरोना वायरस महामारी के चलते यहां सावन सोमवार में हजारों की तादात में भक्तों द्वारा भंडारे एवं पूजन अर्चन पाठ भक्ति में संगीत में रहने वाले भक्तों का तांता लगा रहता था लेकिन इस महामारी के कारण आज भगवान भोले बाबा जागेश्वर मोटे महादेव का मंदिर इस बार सावन सोमवार को सूना ही दिखाई दिया

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