टिकटॉक (TikTok) पर लगातार सामने आ रहे हेट-वीडियोज़ पर महाराष्ट्र सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है.
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मुंबई: टिकटॉक (TikTok) पर लगातार सामने आ रहे हेट-वीडियो पर महाराष्ट्र सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है. गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को विशेष पुलिस महानिरीक्षक, महाराष्ट्र साइबर सेल को साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही गृहमंत्री ने भारत में टिकटॉक, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का संचालन करने वाली कंपनियों को भी चेतावनी दी है कि वे तुरंत भ्रामक और सामाजिक रूप से विभाजनकारी सामग्री हटाएं और ऐसे पोस्ट करने वालों के अकाउंट स्थायी रूप से प्रतिबंधित करें.
पुलिस सीआरपीसी की धारा 149 के तहत इस तरह के लोगों को नोटिस भी जारी करेगी. गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि महिला सुरक्षा गृह मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है और महाराष्ट्र का साइबर सेल टिकटॉक, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर आने वाले इस तरह की वीडियो पर कड़ी नजर रख रहा है.
TikTok स्टार फैजल सिद्दीकी ने हाल ही में एक लड़की पर तेजाब फेंकने वाले वीडियो बनाया था, उसके बाद कुछ लड़कों ने बलात्कार को ग्लोरीफाई करने वाला वीडियो टिकटॉक पर डाला. इसके बाद से TikTok को बंद करने की मांग उठ रही है. अभी तक इस तरह के मामलों में कुल 400 अपराध (जिनमें से 18 एनसी हैं) महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस थानों में 1 मई 2020 तक दर्ज किए गए हैं. जब साइबर सेल ने इन सभी अपराधों का विश्लेषण किया, तो पाया गया कि आपत्तिजनक व्हाट्सएप संदेशों को फॉरवर्ड करने के लिए 170 मामले दर्ज किए गए हैं, अपमानजनक फेसबुक पोस्ट साझा करने के लिए 158 मामले, टिक टॉक वीडियो साझा करने के लिए 18 मामले और आपत्तिजनक ट्वीट के 7 मामले दर्ज किए गए है, जबकि इंस्टाग्राम पर गलत पोस्ट करने के लिए 4 मामले दर्ज हैं.
अन्य सोशल मीडिया (ऑडियो क्लिप, यूट्यूब) के दुरुपयोग के कुल 43 मामले दर्ज किए गए हैं और 213 आरोपी अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनमें से 102 आपत्तिजनक पोस्ट को हटा दिया गया है. लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से, विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों में भारी वृद्धि हुई है. इसमें TikTok पर विभिन्न उत्तेजक पोस्ट करना, कोरोना महामारी पर धार्मिक संदेश पोस्ट करना, कोरोना महामारी के बारे में गलत जानकारी देना, कोरोना पीड़ितों के नाम उजागर करना और विभिन्न राजनीतिक नेताओं को बदनाम करने वाले झूठे पोस्टर / तस्वीरें शामिल हैं. इस तरह के मामलों में भारतीय दंड संहिता 1860, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 और अन्य कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. ऐसे अपराधों को रोकने के लिए, आरोपी को व्यक्तिगत रूप से निम्नलिखित नोटिस भेजकर आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 149 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि इससे पहले झारखंड के तबरेज अंसारी पर वीडियो बनाकर लोगों को उकसाने वाले फैजल शेख सहित सभी के टिकटॉक एकाउंटस को पहले तो बैन कर दिया गया था, लेकिन मामला ठंडा पड़ने के बाद उन्हें शुरू कर दिया गया है.