दुनिया अभी तक कोरोना से मिले दर्द से उबर भी नहीं पाई थी कि एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है. इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV)

नई दिल्ली/इंडियामिक्स दुनियाभर में कोरोना वायरस ने जैसी तबाई मचाई थी, उसे शायद ही ये देश कभी भूल पाए. चीन अभी तक कोरोना से मिले दर्द से उबर भी नहीं पाया था कि वहां एक और खरतनाक वायरस ने दस्तक दे दी है. सोशल मीडिया पर इन दिनों चीन के अस्पतालों की जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वो बेहद डराने वाली हैं. हर तरफ मरीजों का तांता लगा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि चीन में लोग ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) और अन्य कई खतरनाक वायरस की चपेट में आ रहे हैं. जिन वायरस की चपेट में आने से सबसे ज्यादा लोग बीमार हो रहे हैं, उनमें इन्फ्लुएंजा ए और माइकोप्लाज्मा जैसे वायरस शामिल हैं. इस बीच, भारत में भी HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों की टेंशन बढ़ गई है.
कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित बैपटिस्ट अस्पताल में 8 महीने के एक बच्चे और 3 महीने की एक बच्ची में HMPV का पता चला है. वहीं एक तीसरा मामला गुजरात (HMPV Gujarat) में मिला है. ये दोनों ही मासूम बच्चे चीन या किसी दूसरे देश भी नहीं गए थे. ऐसे में इनके संक्रमण ने भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर टेंशन बढ़ा दी है. हालांकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि इन सैंपल्स की जांच अभी सरकारी लैब में नहीं हुई है.
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने 4 जनवरी को कहा था कि राज्य में HMPV का कोई मामला सामने नहीं आया है. हालांकि, चीन में इस वायरस के मामलों को देखते हुए भारत सरकार सतर्क हो गई है. चीन में एचएमपीवी के कई मामले सामने आए हैं, जिस कारण अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है.
क्या है HMPV वायरस?
एचएमपीवी की पहली बार 2001 में खोज की गई थी. यह रेस्पिरेटरी संकाइटियल वायरस (आरएसवी) के साथ न्यूमोविरिडे का हिस्सा है. यह वायरस मुख्य रूप से खांसने, छींकने, संक्रमित व्यक्ति को छूने या हाथ मिलाने से फैलता है. यह कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है. यह वायरस कोरोना की तरह सांस संबंधी बीमारियां पैदा कर सकता है, लेकिन यह कोरोना के मुकाबले कम खतरनाक है.
आंध्र प्रदेश की लोक स्वास्थ्य निदेशक के. पद्मावती ने बताया कि HMPV बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक जोखिम भरा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सर्दियों के मौसम में यह वायरस अधिक फैलता है. वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति अतिरिक्त सतर्कता बरतें.
कैसे फैलता है वायरस?
चीनी समाचार चैनल सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग यूआन अस्पताल, कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के मुख्य डॉक्टर ली तोंगजेंग ने कहा कि एचएमपीवी दो लोगों के बीच श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैल सकता है. इसके अलावा लोगों के बीच संपर्क जैसे कि हाथ मिलाना, या वायरस से दूषित किसी वस्तु को छूने आदि से फैल सकता है.
वहीं यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, यह वायरस क्रोनिक आब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (COPD) से पीड़ित लोगों को अधिक प्रभावित कर सकता है.
सावधानी और बचाव के उपाय
- मास्क पहनें और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें.
- बार-बार हाथ धोएं.
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें.
- फिलहाल HMPV के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. वहीं मेडिकल एक्सपर्ट ने एंटीवायरल दवाओं का अंधाधुंध उपयोग न करने की सलाह दी है.
भारत सरकार की तैयारी
भारत सरकार ने कहा है कि वह इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारियों (SARI) की निगरानी के लिए पूरी तरह तैयार है. वहीं WHO से भी चीन में स्थिति पर लगातार अपडेट लिया जा रहा है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV बच्चों में सामान्य रूप से पाया जाता है और लगभग सभी बच्चे 4-5 साल की उम्र तक इससे संक्रमित हो जाते हैं. हालांकि, यह वायरस कोविड-19 जैसा जानलेवा नहीं है.
HMPV फिलहाल सर्दियों में फैलने वाला एक सामान्य वायरस ही माना जा रहा है. हालांकि, भारत सरकार ने इसे लेकर सतर्कता बरतते हुए स्थिति पर नजर बनाए रखी है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस घातक नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है. चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने 4 जनवरी को एक अहम बैठक की थी. बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है.